There is a buzz of major change in Uttarakhand Congress
- उत्तराखंड कांग्रेस के दिग्गजों ने दिल्ली में किया मंथन
- 2027 की तैयारी और संगठनात्मक फेरबदल हुई चर्चा
नई दिल्ली/देहरादून। There is a buzz of major change in Uttarakhand Congress उत्तराखंड कांग्रेस में आगामी विधनसभा चुनाव 2027 को लेकर गहमागहमी और रणनीतिक मंथन का दौर तेज हो गया है। इसी सिलसिले में गुरुवार को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मुख्यालय इंदिरा भवन में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष करन माहारा, कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के.सी. वेणुगोपाल, उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा, सह प्रभारी सुरेन्द्र शर्मा, प्रदेश मीडिया चेयरमैन राजीव महर्षि और प्रदेश महासचिव अजय सिंह भी उपस्थित रहे। सूत्रों के अनुसार, बैठक में पार्टी संगठन के पुनर्गठन, जिला अध्यक्षों की नियुक्ति तथा प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर संभावित बदलाव पर भी गहन विचार-विमर्श हुआ।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड कांग्रेस जनता के मुद्दों पर मजबूती से खड़ी है। भाजपा सरकार ने प्रदेश की जनता को केवल वादे और जुमले दिए हैं, जबकि कांग्रेस जनता की आवाज को सड़क से सदन तक पहुंचाने का कार्य कर रही है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि संगठन में नई ऊर्जा और जोश भरने के लिए नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई है। युवा कार्यकर्ताओं को अधिक जिम्मेदारी देने और बूथ स्तर पर कांग्रेस को मजबूत करने की रणनीति पर जोर दिया गया है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी बैठक में कहा कि प्रदेश कांग्रेस को जमीनी स्तर से सशक्त बनाना ही 2027 में सफलता की कुंजी है। जनता आज परिवर्तन चाहती है और कांग्रेस के पास बेहतर विकल्प है। बैठक में यह भी तय किया गया कि प्रदेशभर में जल्द ही कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन और जनसंवाद कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू की जाएगी, ताकि जनता के मुद्दों को सीधे सुना जा सके और संगठन की पकड़ मजबूत की जा सके।
राजनीतिक समीकरणों में हलचल
बैठक के बाद उत्तराखंड कांग्रेस में संगठनात्मक फेरबदल को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। कई वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि नए नेतृत्व के तहत पार्टी को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। वहीं, करण माहारा के नेतृत्व में अब तक के प्रदर्शन पर भी समीक्षा की गई है। कुल मिलाकर, दिल्ली में हुई यह बैठक उत्तराखंड कांग्रेस के लिए एक निर्णायक कदम साबित हो सकती है। 2027 की तैयारी के साथ-साथ संगठन में नई ऊर्जा, नई रणनीति और नए चेहरे देखने को मिल सकते हैं।
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