प्रदेश में कानून व्यवस्था हुई ध्वस्त : विपक्ष

Law and order collapsed in the state
पत्रकार वार्ता के दौरान विपक्षी नेता।

Law and order collapsed in the state

चहेतों को लाभ पहुंचाने के लिए नियम कायदे कानूनों से खिलवाड़ कर रही सरकारः विपक्ष

देहरादून। Law and order collapsed in the state प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन देहरादून में आयोजित संयुक्त प्रेस वार्ता में कांग्रेस, सीपीआई (एम), सीपीआई, सीपीआई (माले), उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, जनता देल (सेक्यूलर) एवं अन्य विपक्षी दलों के राजनेताओं ने संयुक्त समन्वय का एलान करते हुए राज्य की भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए कि वह दमनकारी नीति अपनाते हुए|

वन अधिकार कानून का साफ तौर पर उलंघन कर, भू कानून को खतम कर, राज्य के संसाधनों को भू माफिया एवं पूंजीपतियों को लाभ पहुँचाने के लिए नियमों को ताक पर रख रही है।

कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि वर्त्तमान स्थिति में सरकार की ओर से लोगों के हकों के हनन एवं संविधान के मूल्यों पर चोट किये जाने के खिलाफ समान विचारधारा वाले सभी धर्म निरपेक्ष दल आज सूबे में एक जुट हो चुके हैं।

माहरा ने बताया कि गत दिवस हुई सर्वदलीय बैठक में राज्य और जनता से जुड़े सराकारों को ले कर महत्वपूर्ण बैठक हुई और अहम् निर्णय लिए गए जिसमें हर महीने सर्वदलीय प्रेस वार्ता कर ज्वलंत मुद्दों को उठाया जायेगा, एक्शन प्लान समिति का घट्न होगा जो प्रत्मिक्ता के आधार पर रूप रेखा और रणनीति तैयार करेगी।

मजार जिहाद का नाम दे कर सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा : Karan mahara

अन्य वक्ताओं ने कहा कि तुष्टिकरण और ध्रुवीकरण के अजेंडे को छुपाने के लिए  राज्य की धामी सरकार अतिक्रमण हटाने के नाम पर प्रदेश भर में गरीब जनता को बेघर कर रही है और उसको कभी लैंड जिहाद कभी मजार जिहाद का नाम दे कर सांप्रदायिक रंग दिया जा रहा है।

सीपीआई (माले) के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि वन अधिकार कानून 2006 के स्पष्ट प्रावधानों के तहत लोगों को अपने परंपरागत वनों, नदियों, रेत, बजरी, और उनके 2005 से पहले से अधिकार में रही जमीनों पर हक है, वही उत्तराखंड में इस कानून तथा सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों को दरकिनार कर लोगो को उजाड़ा जा रहा है। जो कानूनन अपराध है।

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के महासचिव नरेश नौडियाल ने कहा कि भू माफिया सरकार को मैनेज कर रहा है और कोई भी ऐसी परियोजना निर्माण कार्य नियम जो स्थानीय लोगों के हितों को अनदेखी करते हैं, उनको बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिए।

चुनाव से पहले राज्य में सशक्त भू कानून की बात करने वाली सरकार अभी इस सवाल पर खामोश हैं।कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि शहरों में भी 2022 तक हर परिवार को घर देने का वादा सरकार ने किया था, लेकिन वादा निभाना तो दूर की बात, कानून को ताक पर रख कर बसे बसाये लोगों को उजाड़ा जा रहा है।

जनता के हकों को सुनिश्चित करने के बजाय इन मुद्दों को धर्म की आड़ ले कर शोषण और प्रताड़ित किया जा रहा है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेशनल कौंसिल सदस्य समर भंडारी ने कहा कि उपरोक्त सभी मुद्दों के साथ साथ सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना करते हुए सत्ताधारी दल उत्तराखंड जैसे शांतिप्रिय एवं सामाजिक सौहार्द वाले राज्य में  डर, नफरत और गुंडागर्दी का माहौल उत्पन करने की कोशिश कर रहा है।

सत्ता के दुरूपयोग के रूप में देखा जा सकता है

पिछले डेढ़ महीने में उत्तराखंड राज्य में छः अलग अलग हिंसक एवं सामाजिक ताने बाने को बिगाड़ने वाली घटनाएं हुई है जिन्हे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के घटक दलों ने अंजाम दिया है जो सत्ता के दुरूपयोग के रूप में देखा जा सकता है।  

21 अक्टूबर 2022 को सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को स्पष्ट आदेश दिया था कि पुलिस  नफरती भाषण /वक्तव्यों एवं सामाजिक सौहार्द से छेडखाने करने वालों के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करे। परन्तु प्रदेश में हो रही ऐसी सभी घटनाओं से सम्बंधित व्यक्ति सत्तारूढ़ दल से संभंध रखते हैं इसलिए पुलिस प्रशासन भी मूकदर्शक बना हुआ है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य समिति सदस्य लेखराज इ रिक्शा, टैक्सी मैक्सी चालक एवं छोटे मोठे कार्यों से अपनी जीविको पार्जन करने वाले लोगों की व्यता प्रेस वार्ता के दौरान रखते हुए कहा कि भाजपा राज में सभी कानून पूंजीपतियों के हितों को ध्यान में रख कर बनाये जा रहे हैं गरीब जनता की सुद्ध लेने वाला कोई नहीं।

प्रेस वार्ता के दौरान वक्ताओं ने घोषणा करते हुए कहा कि वह देश की बेटियों के सम्मान व न्याय हेतु 23 मई को महिला उत्पीड़न के खिलाफ देहरादून स्थित गाँधी पार्क में संयुक्त धरना प्रदर्शन करेंगे। प्रेस वार्ता का सञ्चालन करते हुए उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी ने कहा की अब क्रांति का वक्त आ चूका है। दमन और विध्वंशकारी सरकार की पराकाष्ठा हो चुकी है।

ऐसे में जनता भाजपा का विकल्प तलाश रही है। उत्तराखंड कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल होने के नाते प्रदेश के सभी समान सोच और विचारधारा रखने वाले दलों से संपर्क साधेगी और जनहित और प्रदेश हित में आम जन के संघर्ष को एक नयी दिशा देने का प्रयास करेगी।

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