बिजली, पानी और संचार से महरूम उत्तराखंड का यह मंदिर

Kartik swami temple
क्रौंच पर्वत पर स्थित कार्तिक स्वामी मंदिर।
बिजली, पानी और संचार से महरूम उत्तराखंड का Kartik swami temple

रुद्रप्रयाग। उत्तर भारत का एकमात्र कार्तिक स्वामी मंदिर उपेक्षा का दंश झेल रहा है। प्रचार-प्रसार और जरूरी सुविधाएं नहीं होने से यह प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं की नजरों से ओझल है। समुद्रतल से करीब 3050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित Kartik swami temple बिजली, पानी, और संचार जैसी सुविधाओं से महरूम है।

भगवान कार्तिक स्वामी, रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद के बाडव, पोगठा, स्वारी, तड़ाग, पिल्लू, थाल, सोना-मंगरा, बनेड़, चैंडी-मज्याड़ी सहित 360 गांवों के ईष्टदेव हैं। क्रौंच पर्वत पर स्थित इस प्राचीन मंदिर को लेकर मान्यता है कि भगवान कार्तिकेय आज भी यहां निर्वांण रूप में तपस्यारत हैं। हर वर्ष हजारो की संख्या में श्रद्धालु और पर्यट कइस पवित्र धाम में पहुंचते हैं। लेकिन सुविधाओं के अभाव में उन्हें कई तरह की तकलीफ झेलनी पड़ती है।

स्थानीय लोग लंबे समय से पैदल मार्ग और Kartik swami temple के विद्युतीकरण की मांग करते आ रहे हैं। पानी की समस्या को दूर करने के लिए कार्तिकेय धाम के बेस कैंप कनकचैंरी से ट्यूबवैल से धाम तक पानी पहुंचाने की मांग भी लंबे अरसे से की जा रही है। कार्तिकेय मंदिर समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह नेगी का कहना है कि बिजली, पानी और संचार की सुविधा न होसे से यह धार्मिक-पर्यटक स्थल उपेक्षा का शिकार है।

एडीबी से कर्जा लेकर पर्यटक आवास गृह का निर्माण किया गया

उन्होंने मुख्यमंत्री से भी इस संबंध में मुलाकात कर विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने मुख्यमंत्री से कार्तिकस्वामी मेले को राजकीय मेला घोषित करते हुए प्रतिवर्ष पांच लाख की धनराशि अनुमन्य करने की मांग की। साथ ही कनकचैंरी में निर्मित गढ़वाल मंडल विकास निगम के पर्यटक आवास गृह को अन्यत्र शिफ्ट न करने और बीस प्रतिशत अतिरिक्त काम कराने की भी मांग की।

श्री नेगी ने कहा कि एडीबी से कर्जा लेकर पर्यटक आवास गृह का निर्माण किया गया। जिस पर अस्सी प्रतिशत काम भी हो गया है। समस्या यह है कि जिस भूमि पर आवास गृह बनाया गया है, वह वन भूमि है। दो वर्ष पूर्व जीएमवीएन ने भूमि हस्तांतरण की कार्यवाही नहीं की। भूमि हस्तांतरित न होने से काम लटक गया है।




समिति के सचिव बलराम नेगी, प्रबंधक पूर्ण सिंह नेगी, उप प्रबंधक छोटिया सिंह, कोषाध्यक्ष चन्द्र सिंह नेगी, उपाध्यक्ष विक्रम नेगी का कहना है कि कार्तिकस्वामी धार्मिक और पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते हैं। उन्हें एक अदद सुविधाएं तक यहां नहीं मिल रही हैं। लंबे समय से कनकचैंरी से कार्तिकस्वामी तक रोप-वे निर्माण की मांग चल रही है। यह मामला भी फाइलों में ही धूल फांक रहा है।

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