करें तैयारी एक लंबी रेस की, तभी मिल सकती है सफलता

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करें तैयारी एक लंबी रेस की, तभी मिल सकती है सफलता Amar Abrol

अग्रणी विमानन कंपनी में शुमार एयर एशिया इंडिया के सीईओ अमर अबरोल (Amar Abrol) भारत के विकास में अपना योगदान देना चाहते हैं। आने वाले महीनों में वह कंपनी के बड़े-बड़े में 20 नए एयरक्राफ्ट शामिल करने के साथ ही वर्ष 2008 के आखिर तक आसियान देशों के अनछुए बाजार में उतारने का इरादा कर रहे हैं। अमर मानते हैं कि असफलता ही सफलता की पहली सीढी है ,जिसे स्वीकार कर वह बड़े अवसरों की ओर बढ़ते जाते हैं। आइए जानते हैं टैलेंट में निवेश को प्राथमिकता देने वाले अमर के सफलता के टिप्स…

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अमर – मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से बीकॉम किया है। CA क्वालीफाई करने के बाद 1993 में अमेरिकन एक्सप्रेस से अपने करियर की शुरुआत की 2011 में टीचर के साथ जुड़ा। इस तरह करीब 23 वर्ष फाइनेंसियल सर्विस सेक्टर में काम करते हुए बहुत सारे अनुभव रहे। 2016 में मैंने एयर एशिया इंडिया ज्वाइन किया, तो एक रोलर कोस्टर राइड की तरह रहा है पूरा सफर।

Amar Abrol

अलग-अलग कंपनियों के साथ कार्य करने के दौरान दुनिया की सैर की। आप कह सकते हैं कि इससे ना सिर्फ मेरे मन की इच्छाएं पूरी हुई, बल्कि करियर की बुलंदियों तक पहुंचने का अवसर भी मिला। मुझे शुरुआती दौर में ही ग्लोबल स्तर की कंपनियों में कार्य करने का मौका मिला। चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं मिली जो कई बार बड़े अच्छे परिणाम लेकर भी आई।

एक्सपीरियंस से ही अवसर मिलते हैं : Amar Abrol

अमेरिकन एक्सप्रेस के साथ करीब 20 वर्ष का जुड़ाव रहा। मैंने हर तरह के मार्केट में काम किया , विशेषकर जब आखिरी सालों में टेलीकॉम कंपनियों के साथ पेमेंट व पार्टनरशिप बढ़ रही थी ,यहां मुझे प्रीमियम श्रेणी के ग्राहकों से डील करने की जिम्मेदारी दी गई ,जिससे उपभोक्ताओं के बड़े वर्ग को समझ सका।

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ऐसे में जब एयर एशिया को हैंडल करने का ऑफर मिला, तो मैंने खुले हाथों से यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। इसे अपनी खुशनसीबी मानूंगा कि बिना किसी पूर्व अनुभव के मुझे एक लाइन के संचालन का बड़ा जिम्मा मिला। सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था भारत में मेरे लिए वापस लौट कर, इस उद्योग को गति देने का सुनहरा मौका था। ग्रुप के साथ काम करते हुए मैंने ब्रांड के परफॉर्मेंस पर नजर बना रखी थी।

कर्मचारियों ने बनाया लीडर Amar Abrol (CEO of Air Asia India)

लीडर होने के नाते मेरी पहली जिम्मेदारी शेयरहोल्डर्स को कन्वेंस करने, कंपनी के फ्रिज को बढ़ाने एवं एंड कंस्यूमर्स तक सही संदेश पहुंचाने की थी। सबसे प्रमुख चुनौती कंपनी के ओवरऑल मोड को सकारात्मक बनाना था। प्रत्येक सदस्य को समझाना था कि वह हमारे विजन में विश्वास रखें और अपना सर्वश्रेष्ठ देकर बिजनेस को नई  रफ्तार दे। मैं खुश हूं कि सभी ने मुझ पर भरोसा किया जिसके कारण आज हम यहां तक पहुंच सके। इस सफलता में मेरे कर्मचारियों ने अहम भूमिका निभाई।

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नया कदम बढ़ा कर उठाएं लाभ

भारत में सबसे अधिक आबादी मध्यवर्ग की है ,इसलिए नौजवानों एवं उभरते हुए उद्यमियों से कहना चाहूंगा कि वह अपने सामने आने वाले इस अनूठे मौके का लाभ उठाएं। किसी स्टार्टअप में निवेश करने का यही सही समय है क्योंकि देश की सरकार भी उद्यमिता को गंभीरता के साथ प्रोत्साहन देती है।