मेडिकल लैब टेक्निशियन में करियर

tanveer
डाॅ. तनवीर

डाॅ. तनवीर
अगर आप मेडिकल चिकित्सा के क्षेत्र में रूचि रखते हैं और अनुसंधान (रिसर्च) करने में आप ज्यादा रूचि रखते हैं तो आप मेडिकल लैब टेक्नोलाॅजी कोर्स या लैब टेक्निशियन बनकर अपनी यह रूचि पूरी कर सकते हैं। लैब टेक्निशियन का काम होता है नमूनों की जांच करना। लेकिन लैब टेक्निशियन नमूनो के परिणामों के विश्लेषण के लिए प्रशिक्षित नहीं होते। नमूनों के परिणामों का विशलेषण पैथोलाॅजिस्ट ही कर सकता है। मेडिकल लैब टेक्निशियन कोर्स लैबो में नमूनों की जांच करने के लिए किया जाता है। इस कोर्स को क्लिनिकल लेबोरेट्री विज्ञान भी कहते हैं। इस क्षेत्र में डायग्नोसिस, ट्रीटमेंट एवं बीमारी को क्लिनिकल लेबोरेेट्री टेस्ट के सहयोग से दूर करते है। मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नोलाॅजिस्ट (एमएलटी) का कार्य शरीर में खून, खून के प्रकार, शरीर का सैल काउंट करना, केमिकल एनालिसिस और अन्य स्थितियों का विश्लेषण करना होता है। एमएलटी नमूनों की जांच के समय कुछ सैंपलो को आगे की जांच के लिए सुरक्षित अपने पास भी रख लेता है। मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नोलाॅजिस्ट में सयंम बहुत जरूरी होता है। नमूनों के सुरक्षा एवं गोपनीयता की भी जिम्मेदारी एमएलटी की होती है।

आज छोटी से छोटी बिमारी का पता लगाने के लिए डाॅक्टर मरीजों की जांच कराते हैं, ताकि असली बीमारी का पता चल सके। उस समय इलाज एवं दवा के लिए क्लिनिकल लेबोरेट्री का अहम रोल होता है। लेबोरेट्री (प्रयोगशाला) में कार्य करने के लिए प्रशिक्षित टेक्निशियन की जरूरत होती है। इन प्रशिक्षित तकनीशियनों को मेडिकल लेबोरेट्री टेकनोलॉजिस्ट (एमएलटी) कहा जाता है। आप को बता दे कि मेडिकल लेबोरेट्री वर्कर्स दो तरह (टेक्निशियन और टेक्नोलाॅजिस्टस) के होते हैं। लैब टेक्निशियन का कार्य माइक्रोबायलॅाजी, हेमाटोलाॅजी, ब्लड बैंकिंग, इम्यूनोलाॅजी, क्लिनिकल केमिस्ट्री, मोलीक्यूलर बायोलाॅजी व साइटोटेक्नोलाॅजी करना होता है। मेडिकल लैब टेक्नीशियन डाॅक्टरों के निर्देशानुसार काम करता है। लेबोरेट्री में नमूनों की जांच व विश्लेषण में काम आने वाला घोल भी लैब टेक्नीशियन बनाता है।
लैब टेक्नीशियन को मेडिकल साइंस के साथ ही लैब नियमों एवं इनकी जरूरतों के बारे में भी पूरा ज्ञान होता है। ये नमूनों की जांच का कार्य तो करते है, परन्तु इसके परिणामों का विश्लेषण नहीं कर सकते। इसका विश्लेषण या तो पैथोलाॅजिस्ट या फिर लैब टेक्नोलाॅजिस्ट ही कर सकता है।
एमएलटी का कोर्स
भारत में मेडिकल लेबोर्टी टेक्नोलाॅजिस्ट के लिए तीन प्रकार के कोर्स होते हैं 1. सर्टिफिकेट कोर्स 2.डिप्लोमा 3.डिग्री।
योग्यताः-
1.सर्टिफिकेट इन मेडिकल लैब टेक्नालॉजी (सीएमएलटी) छह महीने का कोर्स है जिसके लिए योग्यता 10वीं पास होना चाहिए।
2. डिप्लोमा इन मेडिकल लैब टेक्निोलॉजी एक वर्ष का कोर्स होता है इसके लिए अभ्यार्थी को 12वीं पास होना चाहिए। 12वीं में मुख्य विषय (सब्जेक्ट) के तौर पर पीसीबी या पीसीएम के साथ पास होना चाहिए।
3. बीएससी इन मेडिकल लेबोरट्री (बीएससी इन एमएलटी) के लिए 12वीं विज्ञान के विषयों के साथ पास होना चाहिए। इसकी कोर्स की अवधि 3 वर्ष है। तथा छः माह का अस्पताल प्रशिक्षण होता है।
4. एमएससी इन मेडिकल लेबोरेर्टी टेक्नोलॉजिस्ट (एमएलटी) में प्रवेश करने के लिए अभ्यार्थी को बीएमएमएलटी का कोर्स करना होता है उसके बाद ही एमएससी, एमएलटी में प्रवेश लिया जा सकता है।
अवसर
मेडिकल लैब टेकनीशियनों को कार्य की कुशलता एवं प्रशिक्षण की जरूरत होती है। अभ्यार्थी इस तरह के प्रशिक्षण लेबोरट्री के कार्यो के साथ-साथ भी प्राप्त कर सकता है। कई जगहों पर मेडिकल लेबोरेट्री टेकनीशियनों के लिए कोई भी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होती परन्तु कुछ राज्यों राज्यों में मेडिकल लैब टेक्नीशियन के पास कार्य करने के लिए प्रमाण पत्र होना आवश्यक है। प्रमाण पत्र वाले मेडिकल लैब टेक्नीशियन के लिए इस क्षेत्र से बेहतर संभावनाएं हैं। अभ्यार्थी कही भी व किसी भी मेडिकल लैब, पैथोलाॅजिस्ट व हाॅस्पिटल में कार्य कर सकते हैं। अभ्यार्थी बतौर रिसर्चर एवं कन्सल्टेंट के अलावा स्वयं की लैब भी  खोल सकते हैं। तथा भारत के अलावा विदेशों में भी एमएलटी अभ्यार्थीयों की अच्छी मांग है।