योग मुद्रा से मन और तन को रखे स्वस्थ, इसे जरूर करें

Yoga mudra
Yoga mudra से मन और तन को रखे स्वस्थ, इसे जरूर करें

Yoga mudra मुद्रा – हठयोग के अनुसार मुद्रा शब्द का अर्थ है रहस्य और अंगों की विशिष्ट अतिथि। मुद्रा हमें प्रसन्नता प्रदान करती है।

इसका उद्देश्य क्या होता है

मुद्राओं का मुख्य उद्देश्य स्थिरता प्रदान करना है। मुद्राओं का अभ्यास व्यक्ति को अंतर्मुखी बनाता है। यह तंत्रिका तंत्र की सम्वेदनाओं और उत्तेजनाओं को शांत एवं संयत करती है। इनका अभ्यास एकाग्रता प्राप्ति में भी सहायक होता है। मुद्राओं के नियमित अभ्यास से तंत्रिका तंत्र के  द्वारा मस्तिष्क को भेजे जाने वाले संदेश चेतना को जागृत करने में सफल हो जाते हैं।

योग मुद्रा

यह मुद्रा मुख्यता योगीजनों द्वारा की जाती है इसलिए इसे योग मुद्रा कहते हैं।

इसे करने की विधि

Yoga mudra



सर्वप्रथम वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं, मेरुदंड को सीधा रखिए

दोनों हाथों को कमर के पीछे ले जाएं और दाहिने हाथ से बाएं हाथ की कलाई पकड़ लें

स्वास्थ्य और प्रश्वास करते हुए धीरे-धीरे अपने माथे को भूमि से लगा ले

यथासंभव रुके उसके बाद श्वास लेते हुए धीरे-धीरे वापस आ जाएं

इसे करते हुए यह सावधानियां बरते

माथे को भूमि से धीरे-धीरे लगाएं झटके से नीचे ना लगाएं अन्यथा आप को चोट लग सकती है।

घुटनों या टखनों में दर्द या चोट लगने पर इसका अभ्यास ना करें यह और नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है।

इससे होने वाले लाभ





यह पाचन , प्रजनन तथा उत्सर्जन तंत्र के अंगों की मालिश करता है तथा उनसे संबंधित सभी रोगों को दूर करता है।

चेहरे से कील मुहासे तथा दानों को समाप्त करके चेहरे को कांतिवान बनाता है।

आंखों के नीचे काले घेरे तथा असमय सफेद बाल होने से रोकता है।

इससे स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ती है जिससे विद्यार्थी पढ़ाई में ध्यान केंद्रित कर अच्छा परिणाम लाता है।

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