विपक्ष में बैठना मंजूर, भाजपा से गठबंधन नामंजूरः मायावती

Mayawati

कानपुर। अल्पसंख्यक मतदाताओं को अपने पक्ष में एकजुट करने के लिए पहली बार मायावती ने चुनाव बाद संभावित गठबंधन पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि पहले तो प्रदेश में बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही है। अगर ऐसा न हुआ तो बसपा विपक्ष में बैठना मंजूर करेगी लेकिन भाजपा के साथ सरकार नहीं बनायेगी। कानपुर नगर व देहात की 14 विधानसभा सीटों के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती शिवराजपुर बैरी के रामसहाय इण्टर कॉलेज में जनसभा करने पहुंची। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यकों को बसपा से तोड़ने के लिए यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि चुनाव परिणाम के बाद बसपा व भाजपा का गठबंधन हो सकता है।
मैं यह सापफ करना चाहती हॅूं कि अपने वसूलों से समझौता नहीं कर सकती। 2003 में सरकार के दौरान मुझे परेशान किया गया और जब मैं पूरी तरह से उनको ठुकरा दिया तो सीबीआई को लगा दिया। ऐसे में आज मैं सापफ कर देना चाहती हॅूं कि भाजपा के साथ किसी भी हाल में बसपा का गठबंधन नहीं होगा। एकजुट हों दलित अल्पसंख्यक मायावती ने सपा, कांग्रेस व भाजपा पर तो जमकर हमला बोला, लेकिन उनका मुख्य फोकस दलित अल्पसंख्यकों को एकजुट करने का रहा। कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार दलित व अल्पसंख्यक विरोधी है। हैदराबाद में रोहित बेमुला हत्याकांड व गुजरात में ऊना कांड को बसपा कभी नहीं भूल सकती। अपने पूरे भाषण में बार-बार दलित अल्पसंख्यकों को एकजुट करने की कोशिश करती रहीं। सही ठिकाने पर होगें गुण्डे सपा सरकार की कानून-व्यवस्था पर मायावती ने कहा कि पूरे प्रदेश में आराजकता का माहौल बन गया है। अपराधी थानों में बैठकर दलाली कर रहें है।
बसपा की सरकार आते ही इन गुण्डों को सही ठिकान पर पहुंचा दिया जाएगा, यानि यह सब जेल के सलाखों में होगें। नोटबंदी से हलाकान हुई जनता मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी हमलवार रूख अख्तियार करते हुए कहा कि करीब पौने तीन साल के कार्यकाल में न तो देश का विकास हुआ और न ही युवाओं को रोजगार मिला। कहा कि जनता को परेशान करने के लिए नोटबंदी को थोप दिया गया। जिससे सैकड़ों लोग अपना रूपया निकालने के लिए जान गवां बैठे। कहा कि केन्द्र सरकार आरक्षण विरोधी है जिसे हम उनके मंसूबे कभी सफल नहीं होने देंगे। दलित विरोधी हैं कांग्रेस बसपा सुप्रीमो ने कहा कि देश व प्रदेश में सबसे अधिक कांग्रेस ने राज किया है। दलित व अल्पसंख्यकों के वोटों को अपनी बपौती मानती है, पर कभी भी दलितों का हित नहीं किया। जिससे दलितों की स्थिति जस की तस बनी हुई है। बसपा ने अपने शासनकाल में दलितों व अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए बहुत काम किया है।