Rescue team spirits still high
उत्तरकाशी। Rescue team spirits still high देश के सबसे बड़े और सबसे मुश्किल उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू में लगी अमेरिकन हैवी ऑगर मशीन ने भी पहाड़ के सामने घुटने टेक दिये है, मगर रेस्क्यू टीम के हौसले अभी भी बुलंद हैं। दरअसल करीब चार बार सुरंग का मलबा साफ करने के दौरान हैवी ऑगर ड्रिलिंग मशीन से लोहे की रॉड और पाइप टकराए हैं, इससे ऑगर मशीन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
सिल्कयारा सुरंग में रेस्क्यू अभियान चलाने आए ऑस्ट्रेलिया निवासी अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नाेल्ड डिक्स ने कहा कि अब ऑगर ड्रिलिंग मशीन की मदद नहीं मिल पाएगी, अब भी हमारे पास रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के कई रास्ते हैं, मगर अब आप रेस्क्यू ऑपरेशन में ऑगर मशीन को नहीं देख पाएंगे। ऑगर मशीन का बरमा टूट गया है, यह अपूरणीय क्षति है। ऑगर के बरमा से अब कोई काम नहीं हो पाएगा, ये इतना डैमेज हो गया है कि बरमा से अब और ड्रिलिंग का काम नहीं होगा, इसके साथ ही डिक्स ने कहा कि कोई नया बरमा नहीं होगा।
दुनिया के चौथे सबसे बड़े रेक्स्यू अभियान के तहत बीते 14 दिनों से 41 श्रमिकों को निकालने का अभियान जारी है। अमेरीकन ऑगर मशीन ड्रिलिंग ही एक सहारा बनना था लेकिन मशीन के भीतर बार-बार लोहे के टुकड़े फंसने से ड्रिलिंग रोकनी पड़ रही है। गत शुक्रवार 2 मीटर की ड्रिलिंग के बाद फिर से तकनीकी परेशानी हो गई यानि अब श्रमिकों को बाहर निकालने में कुछ वक्त और लगेगा।
अब रेस्क्यू ऑपरेशन एक रात और लंबा खिंच गया। दुनिया भर की बेहतरीन मशीन लगाई गई फिर भी पहाड़ के आगे मशीन ने घुटने टेक दिए, मगर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टीम ने अभी भी घुटने नहीं टेके हैं। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित से सिल्क्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया गया था इसके बाद रेस्क्यू टीम मजदूरों को बाहर निकालने का काम लगातार जारी है।
सबसे पहले अंदर ऑक्सीजन का पाइप डाला गया, शुरुआत में सफलता नहीं मिली तो अमेरिका ऑगर ड्रिलिंग मशीन मगाई गई है। पहाड़ से पहाड़ जैसी ही सामने आ रहा है। मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, प्रधानमंत्री सबने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को फास्ट पेरेटी रखी है। लेकिन पहाड़ के आगे ऑगर ड्रिलिंग मशीन घुटने टेक चुकी है। सूत्रों की माने तो अब अंदर यानी जहां मजदूर फंसे हैं वहां से 9-10 मीटर मलवा हटाने की भी तैयारी चल रही है।
अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नाेल्ड डिक्स बोले ऑगर मशीन भूल जाइए
उत्तरकाशी। सिल्क्यारा सुरंग बचाव अभियान पर अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नाेल्ड डिक्स ने बताया कि देश में एक अमेरिकन ऑगर मशीन थी ऑगर (मशीन) टूट गया है। यह अपूरणीय क्षति है। लेकिन श्रमिकों को बाहर निकालने के कई विकल्प हैं। यह सिर्फ एक रास्ता नहीं है… फिलहाल, सब कुछ ठीक है… ऑगर से कोई और काम नहीं। ऑगर से अब और ड्रिलिंग नहीं होगा। और देश में कोई नया ऑगर भी नहीं है।
सीएम धामी बोले, मजदूरों को निकालने पर है पूरा ध्यान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को पुनः रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सभी मजदूर ठीक है। मजदूरों से बात हुई है, वो ठीक है। बताया कि मजदूरों को भोजन पानी मिल रहा है। हैदराबाद से प्लाज्मा कटिंग कटर मंगवाया गया है। सीएम ने कहा कि सारा ध्यान मजदूरों को निकलाने पर है। मशीन के टूटे हिस्से कल तक निकलेंगे। वर्टिकल ड्रिलिंग का काम किया जा रहा है। मैनुअली भी कार्य किया जायेगा।
टूटी ऑगर की ब्लेड निकालने का प्रयास, अभी लग सकता वक्त
उत्तरकाशी के सिलक्यारा में हुए टनल हादसे में सुरंग में कैद हुए 41 श्रमिकों को बाहर निकालने की उम्मीदें बनी हुई हैं। लेकिन इस बीच बाधाएं लगातार अवरोध डाल रही हैं। मशीन की ब्लेड क्षतिग्रस्त हुई है तो टनल के ऊपरी हिस्से में जल रिसाव ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। सिल्कयारा सुरंग बचाव अभियान पर अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नाेल्ड डिक्स कहते हैं, “इसके कई तरीके हैं। यह सिर्फ एक ही रास्ता नहीं है। फिलहाल, सब कुछ ठीक है। अब ऑगरिंग नहीं देख पाएंगे। ऑगर खत्म हो गया है। बरमा (मशीन) टूट गया है। उन्होंने बताया कि बरमा से अब कोई काम नहीं होगा और कोई नया बरमा नहीं होगा।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होगी हाई पावर कमेटी की बैठक
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में रेस्क्यू कर रही सभी एजेंसियों के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। बैठक के लिए देहरादून से मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू भी सिलक्यारा पहुंच गए हैं। बैठक में रेस्क्यू प्लान को लेकर आगे की रणनीति की जाएगी। सूत्रों के हवाले यह भी पता चला है कि सरकार रेस्क्यू कार्य में आर्मी की मदद ले सकती है। वर्टिकल के साथ ही होरिजेंटल खुदाई का भी बैठक में निर्णय लिया जा सकता है। आरवीएनएल को होरिजेंटल ड्रिलिंग की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है और यह 172 मीटर लंबी टनल बनाएगी। बहरहाल अब देखना यह है कि बैठक में क्या निर्णय लिया जाता है। उधर श्रमिकों ने भीतर से संदेश दिया कि वे स्वयं खोद कर बाहर निकलेंगे। श्रमिकों के हौसले बुलंद है लेकिन बाहर आने के लिए उनके मन में छटपटाहट लगातार बढ़ रही है।
सीएम बोले पीएम प्रतिदिन श्रमिकों का कुशलक्षेम एवं राहत कार्यों की ले रहे जानकारी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिलक्यारा, उत्तरकाशी टनल में फंसे श्रमिकों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं। प्रधानमंत्री प्रतिदिन श्रमिकों का कुशलक्षेम एवं सुरंग में जारी राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तृत जानकारी ले रहे हैं। केंद्रीय एजेंसियां, प्रदेश प्रशासन एवं अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीमें सारे विकल्पों पर कार्य कर रही हैं, हम शीघ्र ही श्रमिक भाइयों को सकुशल बाहर निकालने में सफल होंगे।
जरा इसे भी पढ़े
सीएम धामी रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए ग्राउंड जीरो पर मौजूद
सिल्क्यारा सुरंग में 39 मीटर तक ड्रिलिंग पूरी हुई
सभी श्रमिकों को सुरक्षित निकलना सरकार की पहली प्राथमिकता : गडकरी