रैलियों-जनसभाओं पर रोक, प्रचार को मिलेंगे महज 288 घंटे

Rallies and public meetings banned

Rallies and public meetings banned

‘भावी विधायकों’ को सर्द रातों, बर्फीली राहों से भी पाना होगा पार
81.43 लाख मतदाता करेंगे नई सरकार के भाग्य का फैसला
उत्तराखण्ड में 14 फरवरी को मतदान, 10 मार्च को नतीजे

मौहम्मद शाहनजर

देहरादून। Rallies and public meetings banned उत्तराखंड समेत पांच राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान संपन्न कराया जाएगा। उत्तराखण्ड में आशिकी के दिन यानि 14 फरवरी को मतदान होगा, 10 मार्च को नई सरकार के भाग्य पिटारा खुलागा।

इस बार चुनाव पर कोराना का साया रहने के चलते सियासी दलों को प्रचार करने में पसीनें छुटने वाले है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने फिलहाल 15 जनवरी तक चुनाव वाले राज्यों में रैली-जनसभाओं पर पाबंदी लगाई है, 15 जनवरी के बाद कोरोना की स्थिति को देखकर निर्णय लिया जाएगा।

वहीं, इस बार चुनाव प्रचार का माध्यम भी जुदा रहने वाला है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक इस बार राजनैतिक दल डिजिटल, वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार कर सकेंगे। 15 जनवरी तक किसी भी तरह की रैली, रोड शो और पदयात्रा नहीं होगी। नुक्कड़ सभा, बाइक रैली पर भी रोक रहेगी।

कैंपेन में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना भी जरूरी होगा, घर-घर जाकर प्रचार करने के लिये भी मात्र पांच लोगों को ही अनुमति मिल सकेगी। जीत के बाद भी विजय जुलूस पर रोक रहेगी। इन तमाम सख्त पाबंदियों के बीच जनता को लुभाने के लिये मात्र 288 घंटे ही मिल सकेंगे।

उत्तराखण्ड में चुनाव दूसरें चरण में होना है, जिसके लिये 21 जनवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी, 28 जनवरी तक नामांकन किये जा सकेंगे। 29 जनवरी तक नामांकन पत्रों की जांच होगी व 31 जनवरी तक नाम वापस लिये जा सकेंगे। नाम वापसी के बाद विधानसभाओं में प्रत्याशियों की तस्वीर साफ होगी ओर धुआंधार प्रचार का दौर शुरू होगा।

नामांकन पत्रों की जांच होने में ही 23 दिन का समय निकल जाएगा

नाम वापसी के बाद प्रचार के लिये केवल 288 घंटों का ही समय मिल सकेगा। उत्तराखण्ड में चुनाव आचार संहिता लागू होने ओर मतदान के बीच 37 दिन का समय है, जिसमें से 31 जनवरी तक नामांकन करने, नाम वापस लेने, नामांकन पत्रों की जांच होने में ही 23 दिन का समय निकल जाएगा।

इतने कम समय में प्रत्याशियों की असल परीक्षा सर्द रातों-बर्फीली राहों से गुजर कर मतदाताओं को रिझाने की होगी। ऐसे में मीडिया, सोशल मीडिया के सहारे ही सियासी दल जनता तक अपनी पहुंच बनाने को मजबूर होंगे।

उत्तराखंड में इस बार मतदान करने के लिए मतदाताओं को एक घंटे का अतिरिक्त समय मिलेगा, मतदान सुबह आठ से शाम छह बजे तक चलेगा। पहले इसकी समयावधि सुबह आठ से शाम पांच बजे तक होती थी।

विधानसभा चुनाव की तैयारियों को परखने राज्य के दौरे पर आए मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा ने यह एलान किया था। इसके पीछे कारण ये था कि पहाड़ी राज्य और भौगोलिक परिस्थितियां विपरीत होने के कारण अधिक से अधिक लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।

राज्य में 81.43 लाख मतदाता हैं, इस साल 1.98 लाख नए महिला और 1.06 लाख पुरुष मतदाता जुड़े हैं। 18 से 19 वर्ष की आयु के मतदाताओं की संख्या 1.10 लाख है, जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु के 1.43 लाख मतदाता हैं। दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 66648 हो गई है, जबकि सर्विस मतदाता 93935 हैं। उत्तराखंड में एक बूथ पर करीब 700 मतदाता है।

राज्य में अभी तक एक पोलिंग बूथ पर अधिकतम 1500 वोटर का मानक था, जिसे अब 1200 किया गया है, इस क्रम में 623 नए बूथ बनाए गए हैं और यहां कुल पोलिंग बूथ की संख्या 11447 हो गई है, इस हिसाब से प्रत्येक बूथ पर वोटर की संख्या 700 के लगभग आएगी।

जरा इसे भी पढ़े

एसजेवीएन ने इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर डेवल्‍पमेंट कारपोरेशन के साथ एमओयू हस्‍ताक्षरित किया
आप ने पहली उम्मीदवारों की लिस्ट की जारी, पहली लिस्ट में 24 उम्मीदवारों के नाम
नगर कीर्तन में बोले सो निहाल के जयकारों से गूंज उठी द्रोण नगरी