प्रदूषण के निवारण में भारत स्टेज-6 कारगर

Pollution
Pollution के निवारक में भारत स्टेज-6 कारगर

हम सभी जानते हैं कि प्रदूषण (Pollution) आज की सबसे गम्भीर समस्या है इससे निजत पाने के लिए कई उपाय किये गिये जिनमे से एक भारत स्टेज है क्योकि प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण गाडियों का इंधन है इस लिए यह मानक का प्रयोग किया गया।

मोटर वाहनों में प्रयोग किए जाने वाले ईंधन में वायु प्रदूषण का विनियमन करने के उद्देश्य से भारत स्टेज उत्सर्जन मानक का प्रयोग शुरू किया गया था। इस मानव का निर्धारण और लागू किए जाने की समय -सीमा यूरोपीय नियमों के तहत केंद्र सरकार के वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तय की जाती है।

1991 में पेट्रोल और इसके अगले साल डीजल वाहनों के लिए इस मानक  का प्रयोग शुरू किया गया था। 1995 में देश के चार महानगरों में पेट्रोल, कार इंजनों की संरचना के लिए भारत स्टेज अनिवार्य कर दिया गया था। भारत का तीसरा चरण आते-आते अप्रैल 2005 में देश के 13 बड़े शहरों में इसे अनिवार्य कर दिया गया। उसी समय देश के दूसरे शहरों के भारत स्टेज -2 को जरूरी बनाया गया।

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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी प्रदूषकों पर एक निश्चित सीमा निर्दिष्ट होता है, जो तेल कंपनियों द्वारा नियंत्रित की जाती है। इसके लिए वाहनों में जरूरी बदलावों को ऑटो मोबाइल कंपनियां अंजाम देती है। सर्वोच्च अदालत ने पिछले वर्ष 1 अप्रैल से उन सभी वाहनों की बिक्री और पंजीकरण पर प्रतिबंध लगाया गया था, जो भारत स्टेज- 5 समर्थित नहीं थे।




इसी कड़ी को बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को जानकारी दी कि देश में आगामी 1 अप्रैल से भारत स्टेज 6 संगति देना उपलब्ध हो जाएगा, जो कि पूर्व में अप्रैल 2020 तक अपेक्षित था, फिर भी हालत इतने खस्ता अभी भी है।