क्या है वफा क्या बेवफा मालूम नहीं
वो अपनी थी या पराई मालूम नहीं
मैयत पे हाजिर थे जबकि दोस्त व दुश्मन
एक वो क्यूं नहीं आई मालूम नहीं।
पूछा जो लोगो ने मेरे मरने का सबब
नजर उसने क्यों झुकाई मालूम नहीं,
मोहब्बत नहीं थी तो बाद तेरे जाने की असगर
वो इस कदर क्यूं रोयी मालूम नहीं।
आग दिल में लगी जब वह खफा हुए
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए
करके वफा कुछ दे ना सके वो
पर बहुत कुछ दे गये जब वो बेवफा हुई।
 
            


