फिटनेस का फंडा है Exercise
हिना आज़मी
मनुष्य तभी खुश रह सकता है जब उसका शरीर स्वस्थ हो। स्वस्थ शरीर के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत जरूरी है। Exercise करने से शारीरिक सुखों के साथ-साथ मनुष्य को मानसिक संतुष्टि भी मिलती है क्योंकि इससे उनका मन भी सदा स्फूर्तिमय, उत्साहपूर्ण और आनंदमय बना रहता है। इसी कारण “हेल्थ इज वेल्थ” कहा जाता है।
महर्षि चरक ने लिखा है कि धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष इन चारों का मूल आधार स्वास्थ्य ही है। यह बात अपने में नितांत सत्य हैं मानव जीवन की सफलता ,धर्म, अर्थ ,काम और मोक्ष प्राप्त करने में ही निहित , है परंतु सब की आधारशिला मनुष्य का स्वास्थ्य है। उसका निरोगी जीवन है। व्यायाम से मन में सफलता और स्फूर्ति आती हैं, इसलिए मन का अवसाद और आलस्य हटाने के लिए व्यायाम जरूरी है।
शरीर की स्वच्छता और मन की प्रसन्नता के लिए व्यायाम जरूरी
भ्रमण करना, शुद्ध हवा का सेवन करना आदि भी एक प्रकार का व्यायाम है| इसलिए शरीर की स्वच्छता और मन की प्रसन्नता के लिए व्यायाम जरूरी है। आलस्य मनुष्य के शरीर में मौजूद एक दुश्मन है| आलस्य मनुष्य के जीवन को शिथिल बना देता है। उसकी बुद्धि भी बंद हो जाती हैं| शरीर और बुद्धि का संबंध अंतरंग नसों और अंग-प्रत्यंगों से होता है।
व्यायाम से शरीर के आंतरिक अंगों में फुर्ती आ जाती हैं और रक्त संचार में गति आती रहती है, जिससे मन प्रसन्न रहता है और शरीर स्वस्थ होता है। व्यायाम के बिना पाचन क्रिया ठीक ढंग से नहीं होती जिससे पेट को अनेक प्रकार के रोगों का सामना करना पड़ता है। व्यायाम से रोगों की उत्पत्ति नहीं होती है। इसका कारण है कि व्यायाम करने से रक्त में रहने वाले अणु सबल हो जाते हैं और वह रोग उत्पन्न करने वाले कीटाणुओं को नष्ट कर देते है।