डिप्रेशन का रामबाण इलाज Depression ka ilaj
Depression से ग्रसित व्यक्ति हमेशा तनावपूर्ण रहता है
अवसाद या डिप्रेशन एक ऐसा रोग है जिससे दुनिया के कितने ही लोग पीडित हैं। इस गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्ति हमेशा तनावपूर्ण रहता है। WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने इस पर सर्वे किया और बताया कि डिप्रेशन तेजी से बढ रहा है। इसमें 18 देशों के 90 हजार लोगों पर शोध किया गया।
रिपोर्ट के परिणाम निकला कि डिप्रेशन से ग्रसित लोगों की संख्या 32.3 फीसद रही। इस बीमारी की वजह है तो सिर्फ तनाव। डिप्रेशन ग्रसित रोगी की जिंदगी में खुशी, उत्साह,रोमांच जैसी कोई चीज नहीं रहती है, रहती है तो सिर्फ चिंता, निराशा और अकेलापन। वह अपने आपको अलग-थलग महसूस करता है और दुखों की दलदल में डूबता चला जाता है, तभी इसे डिप्रेशन कहते हैं।
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Depression अब बच्चों को भी बना रहा शिकार
डिप्रेशन के कई कारण हो सकते हैं जिनमें मंहगाई, निजी समस्याएँ, पारिवारिक संबंधों से तनाव हो सकते हैं। बडे तो बडे अब यह गंभीर रोग बच्चों पर भी शिकार कर रहा है। किशोरावस्था में जीवन शैली में हो रहे परिवर्तन से कई तनाव पैदा होते हैं जो बच्चों को डिप्रेशन की अवस्था में पहुंचा देती है।यह मानसिक रोग इतना खतरनाक है कि इससे ग्रसित व्यक्ति आत्महत्या तक कर बैठता है या दूसरों को नुकसान पहुँचा बैठता है।
इलाज न करने की स्थिति में लाइलाज बीमारी का रूप धारण कर लेता है
अवसाद या डिप्रेशन में अंगूर ,जी हाँ सिर्फ यह एक फल डिपे्रशन के लिए रामबाण इलाज साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों ने शोध में पाया कि अंगूर में उपस्थित पाॅलीफेनाॅल यौगिकों से डिप्रेशन से लडने की दवाइयाँ बनाई जा सकेगी। दरअसल, अवसाद इम्यूनिटी सिस्टम यानी प्रतिरक्षातंत्र में आई सूजन के साथ से रक्षा करने वाली लिम्फ (लसीका ग्रंथि) और टिस्यू (ऊतक) में होने वाली गडबडियों के कारण होता है। तब तक उपलब्ध दवाइयों इन कारणों का कोई असर नहीं होगा। कई बार अवसाद लम्बे समय तक इलाज न करने की स्थिति में लाइलाज बीमारी का रूप धारण कर लेता है।
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अमेरिका के इकैहान स्कूल आॅफ मेडिसीन के वैज्ञानिकों ने चूहों पर रिसर्च कर पाया कि अंगूर से प्राप्त होने वाले डाइहाइड्रो कैफिक एसिड और मैलविडिन-3-ओ ग्लूकोसाइड के साथ मिलाकर प्रयोग करने से डिप्रेशन ग्रसित रोगियों को इस गंभीर और मानसिक व मनोवैज्ञानिक रोग से निजात मिल सकेगी।