‘मैं किसके हाथ पर अपना खूं तलाश करू ‘ : हरीश

Bhajpai Jwab do hisab do

देहरादून। Bhajpai Jwab do hisab do अपने बयानों और सोशल मीडि पर रोज़ कुछ न कुछ लिख कर चर्चाओं में रहने वाले उत्तराखण्ड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने यह लिख कर सनसनी फैला दी कि ‘मैं किसके हाथ पर अपना खूं तलाश करूं’। हरीश रावत के इस कथन की हर और चर्चा हो रही है। हरदा ने लिखा, सारा शहर दस्ताने पहने है, मैं किसके हाथ पर अपना खूं तलाश करूं! यह दो लाइनें भाजपा के प्रतिनिधियों पर सटीक बैठती हैं।

राज्य सरकार भाजपा की है। मुख्यमंत्री अपने 2 साल के कार्यकाल का जश्न मना रहे हैं। जबकि भाजपा 7 साल से निरंतर सरकार में है। कुछ सांसदों को  जिनको भाजपा ने बड़े-बड़े पदों से नवाजा उनको क्यों बदल दिया गया ? जबकि उनके शरीर में ताकत भी है, चुनाव भी वह लड़ सकते हैं और लड़ना भी चाहते हैं, उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को यह नहीं बताया गया कि उनको क्यों बदल गया? नये प्रतिनिधि दे दिये हैं, नये व्यक्ति कह रहे हैं कि मैं नये तरीके से स्क्रिप्ट लिखूंगा, लेकिन उन क्षेत्रों के जो 5 या 10 साल बर्बाद हो गये हैं, उसका लेखा-जोखा कौन देगा?

हरिद्वार जैसे क्षेत्र के तो 10 साल बर्बाद हो गये, तो आखिर हरिद्वार के लोग 10 साल का हिसाब पूछें तो किससे पूछें! हरिद्वार या पौड़ी के क्षेत्र के लोगों को 5 और 10 साल के विकास का हिसाब तो भाजपा को देना ही पड़ेगा। भाजपा के दो नये नवेले उम्मीदवार तो बड़े-बड़े पदों पर रहे हैं, जनता को उन्हें यह तो बताना पड़ेगा कि उन्होंने उन पदों का उपयोग उन लोकसभा क्षेत्रों में क्या-क्या विकास के काम किए हैं?
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