शादी में 200 करोड़ खर्च करने वाले गुप्ता बंधुओं पर लटकी है गिरफ्तारी की तलवार

Ajay Gupta and Atul Gupta

Ajay Gupta and Atul Gupta

देहरादून। Ajay Gupta and Atul Gupta उत्तराखंड के औली में शाही विवाह प्रकरण से चर्चित हुए गुप्ता बंधुओं पर स्टेट कैप्चर जैसे गंभीर आरोप में मुकदमा चलाने के लिए दक्षिण अफ्रीका बेचैन है। वहीं गुप्ता बंधु यहां शाही विवाह के फेर में अदालती उलझनों में फंस गए हैं।

गुप्ता बंधु अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता दक्षिण अफ्रीका छोड़कर अब दुबई में रह रहे हैं। वहां की राष्ट्रीय अभियोजन एजेंसी हॉक का दावा है कि वह इंटरपोल की मदद से गुप्ता बंधुओं को वापस लाएगी।

अफ्रीका में उनकी तमाम अचल संपत्तियां, निजी हवाई जहाज, कारें जब्त की जा चुकी हैं। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के सहयोग से और उनके परिवारजनों की पार्टनरशिप में गुप्ता बंधुओं ने जिस तरह देश को प्रभावित किया उसे दक्षिण अफ्रीका में स्टेट कैप्चर स्कैंडल (योजनाबद्ध तरीके से राजकीय नीति निर्धारण को निजी हितों के लिए प्रभावित करना) नाम दिया गया है।

गुप्ता बंधुओं की मुश्किलें बढ़ गई

दक्षिण अफ्रीका ने प्रयास कर के गत सितंबर में यूएई से प्रत्यर्पण संधि करने में सफलता प्राप्त कर ली, जिसके बाद से गुप्ता बंधुओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ गुप्ता बंधुओं की प्रगाढ़ता और गुप्ता बंधुओं के अकूत संपत्ति कमाने को लेकर अफ्रीका के स्टेलेनबोश विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मार्क स्विलिंग ने बाकायदा एक अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार की।

इस रिपोर्ट के अनुसार यह घटना एक प्रकार से गुपचुप सत्ता स्थानांतरण के समान है, जिसका लोगों को पता ही नहीं चला और वास्तविक सत्ता किसी और के हाथों में चली गई।गुप्ता बंधुओं पर अभी कोई आरोप प्रमाणित नहीं हुआ है।

उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में तमाम सामाजिक कार्य भी किए। उन्हें वहां की नागरिकता देने पर सहमति बन गई थी, लेकिन उनके भारतीय नागरिकता छोड़ने से इंकार कर देने के कारण बात नहीं बनी।

उन्होंने बदरीनाथ धाम में सोने की छत भी बनवाई है। अपने पैतृक शहर सहारनपुर में अपने पिता स्व. शिवकुमार की स्मृति में वे अरबों रुपये से शिवधाम मंदिर का निर्माण करा रहे हैं।

हालांकि, इसमें भी गुप्ता बंधुओं पर काले धन को अवैध रूप से सफेद करने के आरोप लगे और जांच भी चली। अजय गुप्ता का कहना है कि ऐसे धार्मिक कार्य में बेईमानी करने से बेहतर वे मर जाना पसंद करेंगे।

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