शस्त्र लाईसेंस के लिए केन्द्र सरकार की गाइड लाइन का पालन करेंः डीएम

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अल्मोड़ा ।  जिला मजिस्ट्रेट सविन बंसल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अल्मोड़ा सहित समस्त उप जिला मजिस्ट्रेट जनपद अल्मोड़ा को एक परिपत्र भेजकर निर्देश दिये है कि शस्त्र लाइसेंस चाहने विषय आवेदन पत्रों पर गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के क्रम में जाॅच आख्या प्रेषित की जाय। उन्होंने निर्देश दिये है कि गृह मंत्रालय भारत सरकार से निर्गत शासनादेश के अनुपालन में एन0पी0 बोर शस्त्र लाइसेंस प्रदान किये जाने से पूर्व सभी बिन्दुआंे पर पुलिस द्वारा जाॅच व सत्यापन करते हुए आख्या प्रेषित की जाय।

जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि शस्त्र लाइसेंस निर्गत करते हुए आवेदक के जीवन भय के सम्बन्ध में स्पष्ट रूप से जीवन भय का आकलन न करते हुए आवेदक को मात्र सुरक्षा दृष्टिगत शस्त्र लाइसेंस निर्गत किये जाते है। प्रत्येक आवेदन पत्र पर प्रमाणिक रूप से जब तक यह पुष्टि नहीं हो जाती कि आवेदक द्वारा वास्तविक रूप से सुरक्षा के दृष्टिगत जीवन भय है, तब तक ऐसे आवेदन पत्रों पर विचार किया जाना सम्भव नहीं है।

इस प्रकार अस्पष्ट टिप्पणियों के साथ शस्त्र लाइसेंस दिये जाने की संस्तुति कतई न की जाय जिस कारण से अपात्र व्यक्तियों को शस्त्र अनुज्ञापन स्वीकृत हो जाता है। उक्त के अतिरिक्त आवेदक को शस्त्र चलाने में सक्षम होने के सम्बन्ध में आवेदक की क्षमता एवं  जीवन भय के सम्बन्ध में भी पुलिस की रिर्पोट में काई जिक्र नहीं किया जाता है। जिला मजिस्ट्रेट ने यह भी बताया कि भारत सरकार द्वारा अधिसूचित आयुध नियम 2016 के पैरा 02 के अनुसार नये शस्त्र लाइसेंस हेतु आवेदन पत्र के साथ नवीतम फोटोग्राफ, जन्म की तारीख का सबूत, पहचान सबूत, निवास सबूत, आयुध अधिनियम 2016 के अनुसार अग्नि आयुध प्रशिक्षण प्रमाण पत्र, अग्नि आयुध सुरक्षित उपयोग और भण्डारण, आवेदक के मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक क्षमता के सम्बन्ध में चिकित्सकीय प्रमाण पत्र जिसमें यह विशेष रूप से उल्लखित हो आवेदक मादक या स्वापक वस्तु पर निर्भर नहीं है,

जंगली जानवरों के नाश जो कि मनुष्य द्वारा क्षति की गयी हो या मवेशी और फसलों के नुकसान के लिए संरक्षण की दशा में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अधीन प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा जारी अनुज्ञा पत्र होना आवश्यक है। उन्होंने गृह मंत्रालय के उक्त आयुध नियम 2016 एवं शासनादेश के क्रम में उपरोक्त बिन्दुओं पर प्रत्येक आवेदन पत्र पर जाॅच करने के उपरान्त आवेदक को वास्तविक जीवन भय के बारे में स्पष्ट रूप से आख्या प्राप्त करते हुए स्पष्ट मंतव्य मय अभिलेखों के पुष्टि के साथ अपनी संस्तुति जिला कार्यालय में उपलब्ध कराने के निर्देश दिये है। जिला मजिस्ट्रेट ने समस्त उपजिलाधिकारियों को उपरोक्त विषयक अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी के साथ स्पष्ट आख्या देने का निर्देश दिया है।