सदन ने दिवंगत कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत को दी श्रद्धांजलि

Tribute to late Prakash Pant
दिवंगत कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत को श्रद्धांजलि अर्पित करते मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत।

Tribute to late Prakash Pant

देहरादून। Tribute to late Prakash Pant उत्तराखंड विधानसभा का सत्र सोमवार को शुरु हुआ। सत्र के पहले दिन सदन ने दिवंगत पूर्व संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री प्रकाश पंत को श्रद्धांजलि अर्पित की। सदस्यों ने कहा कि पूर्व मंत्री प्रकाश पंत की यादें हमेशा स्मरणीय रहेगी, उनकी कार्यशैली हमेशा हमें प्रेरणा देती रहेगी।

सदस्यों ने कहा कि कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन से उत्तराखंड को अपूर्णीय क्षति हुई है।   पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही वंदेमातरम के साथ शुरु हुई। उसके पश्चात कार्यवाहक संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने प्रस्ताव रखा कि नियम-315 में शिथिलिकरण करते हुए आज के प्रश्नकाल को निलंबित करते हुए दिवंगत कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत को श्रद्धांजलि अर्पित की जाए।

उनके इस प्रस्ताव को सदन ने सर्वसम्मति से पारित करते हुए प्रकाश पंत को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके साथ के अपने अनुभवों को साझा किया। पूरे सदन ने दिवंगत पूर्व मंत्री प्रकाश पंत को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए नेता सदन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि प्रकाश पंत की राजनीति के साथ-साथ समाज सेवा व साहित्य के क्षेत्र में भी विशेष रूचि थी। छात्र जीवन से ही वे राजनीति से जुड़े रहे।

सबसे कम उम्र का विधानसभा अध्यक्ष बने का गौरव प्रकाश पंत को हांसिल

1998 में प्रकाश पंत जी उत्तर प्रदेश विधान परिषद् के सदस्य निर्वाचित हुए। नवगठित राज्य उत्तराखण्ड राज्य के वे अंतरिम विधानसभा के अध्यक्ष रहे। काॅमनवेल्थ देशों में से किसी राज्य का सबसे कम उम्र का विधानसभा अध्यक्ष बनने का गौरव प्रकाश पंत को हांसिल हुआ।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि श्री पंत जी ने ‘एक आवाज प्रारब्ध’ कविता संग्रह, ‘मेरी आदि कैलाश यात्रा’ यात्रावृत्त, ‘एक थी कुसुम’ कहानी संग्रह व ‘लक्ष्य’ निबन्ध लिखा। राज्य स्तरीय निशानेबाजी में भी उन्होंने स्वर्ण पदक हांसिल किया।

प्रकाश पंत जी केवल राजनेता के तौर पर ही नहीं बल्कि आकर्षक व्यक्तित्व के धनी भी थे। सदन में सबको साथ लेकर चलने की उनकी कुशलता, वित्तीय मामलों का ज्ञान व विपक्ष के हर तीखे वारों का जबाब सरलता से देना उनकी खूबी थी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जनसमयाओं व अन्य मामलों को प्रकाश पंत जी बड़ी गम्भीरता से सुनते थे व समस्याओं का समाधान करने का हर सम्भव प्रयास करते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकाश पंत की यादें हमेशा स्मरणीय रहेंगी।

प्रकाश पंत अपने ज्ञान को विनम्रता पूर्वक प्रस्तुत करते थे

उनकी कार्यशैली हमेशा हमें कार्य करने की प्रेरणा देती रहेगी। नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा ह्रदयेश ने कहा कि प्रकाश पंत अपने ज्ञान को विनम्रता पूर्वक प्रस्तुत करते थे। उन्होंने प्रकाश पंत से जुड़े कई संस्मरण सुनाए।

श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रभारी संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक, सतपाल महाराज, प्रीतम सिंह पंवार, वंशीधर भगत, विनोद कंडारी, विशन सिंह चुफाल, राजकुमार, हरबंश कपूर आदि सदस्यों ने अपने विचार रखे और प्रकाश पंत से जुड़े संस्मरण सुनाते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। 

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