बच्चों पर टॉप आने का प्रेशर को लेकर शुजीत सरकार की नई पहल

Child in

मुंबई। विकी डोनोर और पिंक जैसी समाजिक मुद्दों पर बनी फिल्मों के बाद शुजीत सरकार ने अब एक नई पहल की है। इस बार उनका फोकस उन परिवारों पर है, जहां बच्चों को पढ़ाई में टॉप आने के लिए प्रेशर डाला जाता है। इस गंभीर मुद्दो को उठाने के लिए शुजीत सरकार ने इस बार एक शॉर्ट फिल्म बनाई है, जिसे इंटरनेट पर ऑन लाइन रिलीज किया गया है। शुजीत सरकार ने पहली बार कोई शॉर्ट फिल्म बनाई है। उनका मानना है कि ये हमारे देश और समाज का एक गंभीर मुद्दा है। खास तौर पर बड़े शहरों के मध्यम परिवारों में बच्चों पर इस बात को लेकर बहुत दबाव मां-बाप की ओर से डाला जाता है कि उनको किसी भी तरह से पढ़ाई में टॉप पोजीशन पर आना है। शुजीत का कहना है कि ये हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम इस गंभीर मुद्दे को गंभीरता से उठाएं और इस बात पर ध्यान दें कि इस दबाव से किस तरह से बच्चों का भविष्य और उनकी संवेदनाओं पर बुरा असर पड़ रहा है। उनका मानना है कि ये प्रेशर बच्चों के भविष्य को बर्बादी की ओर ले जाता है, जिसके खतरनाक परिणाम सामने आते हैं और कई बार बच्चों के मानसिक संतुलन पर भी इस प्रेशर का बुरा असर देखने को मिलता है।
शुजीत का कहना है कि बच्चों और माता-पिता के बीच रिश्ता सहज नहीं होगा, तो इससे दोनों प्रभावित होंगे और बच्चों का स्वाभाविक विकास नहीं हो पाएगा। वे इसके लिए हमारी शिक्षा प्रणाली को तो कमजोर मानते हैं, लेकिन सबसे बड़ी जिम्मेदारी वे माता-पिता की मानते हैं, जो बच्चों का सही मार्गदर्शन करने की अपनी जिम्मेदारी को प्रेशर का रूप दे देते हैं। उनका मानना है कि खास तौर पर शहरी इलाकों में ये मामला लगातार गंभीर होता जा रहा है। वे अपनी फिल्म को एक छोटी शुरुआत मानते हैं और उम्मीद करते हैं कि इससे समाज में इस मुद्दे पर चर्चा शुरू होगी और तब कहीं जाकर इसके समाधान की कोशिश होगी। शुजीत अपनी शॉर्ट फिल्म को मिल रहे शुरुआती रिस्पांस से काफी खुश हैं और उम्मीद करते हैं कि सोशल मीडिया के माध्यम से उनकी बात ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी।
शुजीत ने अपनी फिल्म विकी डोनोर में निसंतान जोड़ों को माता-पिता बनने का रास्ता दिखाया था, तो पिंक में उन्होंने महिला सशक्तिकरण के मुद्दे को फिल्म की कहानी का आधार बनाया था कि लड़की की मर्जी के बिना उनको छूना एक समाजिक अपराध है। लड़कियों की मर्जी का सम्मान करना जरूरी है। वैसे इस मुद्दे  पर आमिर खान कई साल पहले अपनी प्रोडक्शन कंपनी में तारे जमीं पे बनाई थी, जिसका निर्देशन भी उन्होंने खुद किया था। इस फिल्म में भी बच्चों के साथ उनकी पढ़ाई को लेकर माता-पिता के रवैये के मुद्दे को उठाया गया था। पढ़ाई में टॉप पर आने का मुद्दा आमिर की फिल्म थ्री इडियटस की कहानी का भी हिस्सा था। अपने शो सत्यमेव जयते में भी आमिर खान इस मुद्दे पर बात कर चुके हैं।