Today the world is accepting Ayurveda
- ऋग्वेद, यजुर्वेद व अथर्ववेद में भी आयुर्वेद का उल्लेख
- नवाचारों से हम आयुर्वेद को विश्व में शीर्ष स्थान पर ला सकते हैंः डॉ. फारूक
देहरादून। Today the world is accepting Ayurveda हिमालय वेलनेस कंपनी, देहरादून में यूनिवर्सिटीज जर्नल ऑफ फाइटोकेमिस्ट्री एंड आयुर्वेदिक हाइट्स की और से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। डॉ. एस. फारूक ने कहा कि ग्लोबल समिट चल रहा है और हम ग्लोबल मामलों पर बात करते हैं।
प्रधानमंत्री ने आकर उत्तराखंड में डेस्टिनेशन वेडिंग के बारे में अपना विचार दिया। उनके भाषण में दोहे शामिल थे, उन्होंने कहा कि भारत फार्मा इंडस्ट्री दुनिया में वॉल्यूम के हिसाब से तीसरे स्थान पर है, लेकिन वैल्यू के हिसाब से यह चौथे स्थान पर है। अपने प्रयासों और नवाचारों से हम इसे विश्व में शीर्ष स्थान पर ला सकते हैं।
आज देहरादून में आयोजित फायटो-केमिस्ट्री और आयुर्वेद : क्षमता और संभावनाएं विषय पर आयोजित संगोष्ठी कार्यक्रम में प्रतिभाग कर वहाँ उपस्थित वैज्ञानिकों तथा छात्रों को संबोधित किया।
इस अवसर पर हिमालय वेलनेस के कैंपस में स्थापित हर्बल गार्डन व छात्रों द्वारा लगायी गई पोस्टर प्रदर्शनी… pic.twitter.com/mcaFbSAol6
— Ganesh Joshi (@ganeshjoshibjp) December 30, 2023
इस अवसर पर मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आयुर्वेद हजारों वर्षों से एक चिकित्सा पद्धति रही है। उन्होंने कहा कि आज कई ऐसी बीमारियाँ हैं जिनका इलाज आयुर्वेद से हो रहा है और आज दुनिया ने आयुर्वेद को स्वीकार कर लिया है। आयुर्वेद भारत की पारंपरिक वनस्पति-आधारित चिकित्सा प्रणाली है, जिसका उपयोग हम सदियों से करते आ रहे हैं। ऋग्वेद में जहां 99 औषधीय पौधों के बारे में जानकारी है, वहीं यजुर्वेद में 82 औषधीय पौधों के बारे में जानकारी है और अथर्ववेद में 288 औषधीय पौधों के बारे में जानकारी है और लोग किसी न किसी रूप में इसका लाभ उठा रहे हैं।
डॉ. हिम्मत सिंह ने अपने मुख्य भाषण में फाइटोकेमिकल्स और पौधे निष्कर्षण तकनीकों के उपयोग के बारे में बताया। डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी, कुलपति आयुर्वेद विश्वविद्यालय ने कोविड-19 के दौरान आयुर्वेदिक क्वाथ के उपयोग और जड़ी-बूटियों के उपयोग पर एक व्याख्यान दिया जो प्रतिरक्षा को बढ़ाते हैं और वायरल संक्रमण के खिलाफ बहुत प्रभावी हैं।
संगोष्ठी में विभिन्न विश्वविद्यालयों के युवा वैज्ञानिकों और छात्रों ने भाग लिया और अपने शोध पत्र मौखिक रूप से और पोस्टर के माध्यम से प्रस्तुत किये। इस मौके पर डॉ. आईपी पांडे, चेयरमैन डॉ. एस. फारूक, डॉ. हिम्मत सिंह, डॉ. आई.पी. सक्सेना, डॉ. अरुणिमा नायक, डॉ. अरुण के. त्रिपाठी, डॉ. कुलदीप राय व डॉ. आईपी पांडे आदि उपस्थित थे।
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