Falling graph of the popularity of Trivendra Sarkar
देहरादून। Falling graph of the popularity of Trivendra Sarkar उत्तराखंड भाजपा भले ही यह दावा कर रही है कि पंचायत चुनावों में पार्टी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन चुनाव के नतीजों ने भाजपा को आत्म समीक्षा करने पर मजबूर कर दिया है।
वजह साफ है कि भाजपा इन चुनावों में जीत के लिए जो तैयारी की थी परिणाम उसके मुताबिक नहीं मिले. पार्टी अब इन चुनाव परिणामों की समीक्षा करने जा रही है हालांकि नेता यह भी कह रहे हैं।
भाजपा की पंचायत चुनावों की समीक्षा में चुनावों में अपेक्षा से कम सीटें आने का तो मुद्दा रहेगा ही समीक्षा बैठक में पार्टी इस बात की भी पड़ताल करेगी कि वोट किस मुद्दे पर मिला और किस पर नहीं। भाजपा प्रदेश महामंत्री खजान दास ने कहा कि पार्टी हर चुनाव के बाद समीक्षा करती है।
इस समीक्षा में कई पहलुओं के साथ देखा जाएगा कि क्या कमी रही और कहां। भाजपा के प्रदेश महामंत्री खजान दास कहते हैं कि चुनाव के बाद पूछताछ सबसे की जाती है और इसमें बड़ा-छोटा नहीं देखा जाता|
पार्टी पहले नंबर से खिसककर दूसरे स्थान पर
पार्टी कार्यकर्ताओं, विधायकों, वरिष्ठ नेताओं सबसे चुनाव परिणामों को लेकर बात करेगी। दरअसल विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मिली बम्पर जीत का क्रम उत्तराखंड चुनावों में कायम नहीं रह पाया है और पंचायत चुनावों में पार्टी पहले नंबर से खिसककर दूसरे स्थान पर आ गई है।
अब पार्टी इस बात की समीक्षा करेगी कि उत्तराखंड पंचायत चुनावों में उसकी चमक फीकी कैसे पड़ गई। पौड़ी जिले के चुनाव प्रभारी वीरेंद्र सिंह बिष्ट कहते हैं कि समीक्षा बैठक में सभी चुनाव अधिकारी अपने जिले की रिपोर्ट देंगे|
बिष्ट के मुताबिक चुनाव के दौरान परेशानियों और कारणों को बताया जाएगा। बहरहाल दो राज्यों के विधानसभा चुनावों के नतीजों ने उत्तराखंड भाजपा को चैकन्ना कर दिया है कि प्रचंड जनादेश मिलने के बाद मात्र ढाई साल में ही पार्टी को पंचायत चुनावों में पटखनी क्यों मिली।
संगठन के लिहाज से उत्तराखंड में भाजपा के आगे कोई पार्टी नहीं टिकती, न ही चुनाव तैयारियों के हिसाब से| इसलिए भी भाजपा माथे पर चिंता की लकीरें इतनी गहरी हैं।
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