हमारे जीवन में स्मरण शक्ति का महत्व Smaran shakti ka mahatva
परमात्मा ने वैसे तो इस धरती पर कई जीवो की उत्पत्ति की है। इस पृथ्वी पर कई प्रकार के जीव बनाए हैं, लेकिन मानव एकमात्र ऐसा प्राणी है, जिसको परमात्मा ने विवेक और वृद्धि प्रदान की है। स्मरण शक्ति (Smaran shakti ka mahatva) की योग्यता के कारण ही मानव एक आदित्य प्राणी है। सभी जीवो की आत्माएं अपने दिव्य उद्गम की चेतन स्मृति के द्वारा स्वाभावत: अपने स्रोतों को खोजने की प्रवृत्ति रखता है।
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विश्व में प्रत्येक वस्तु के ऊर्ध्वगामी क्रम विकास का कारण है। स्मृति एक शक्ति है जिसके द्वारा हम अपने अनुभवों को मानसिक रूप से पुन: उत्पन्न करते हैं। यदि स्मरणशक्ती न होती तो हम जीवन के अपने सभी प्रत्यक्ष ज्ञान को भूल जाते हैं और हमें प्रतिदिन जीवन को शिशु की भांति, नए सिरे से आरंभ करना पड़ता। अनुभव का कोई महत्व नहीं है, यदि हम उन्हें पुनः याद न कर सके और फिर से दोहरा न सके।
स्मरण शक्ति में ही मानव बनने का महत्व
हम आज अपने किये गये निरीक्षण और अपने बीते हुए व्यवहार के विश्लेषण द्वारा सीखते हैं। मनुष्य की स्मरण शक्ति में ही मानव बनने का महत्व है। यदि राहुल नामक व्यक्ति को प्रत्येक सुबह जागने पर यह याद रहता है कि वह राहुल है, तो स्मरण शक्ति द्वारा ही वह अपने जीवन के अनुभव को अपने नाम रूपी पहचान के साथ जोड़ पाता है।
अवचेतन मन सदा क्रियाशील रहता है। दिन के समय यह अनुभवों को अंकित करता है और निद्रा में भी एक चौकीदार की तरह शरीर रूपी घर की देखभाल करते हुए क्रियाशील रहता है। अवचेतन मन की यह स्मरण शक्ति नित्य चेतन , नित्य आनंद में ईश्वर को शक्ति है। प्रत्येक आत्मा में उसकी चेतना का स्मृति बीज पड़ा है, क्योंकि आत्मा यह जानती है कि वह सदा ईश्वर में रहती हैं।
स्मरण शक्ति ही ऐसी शक्ति है जिसके द्वारा मनुष्य अपनी पिछली जिंदगी की कड़ियों को जोड़ता जाता है, और भविष्य में जिंदगी के सीखे हुए अनुभवों से काम को करता है। अतः स्मरण शक्ति हमारे लिए बहुत जरूरी है।