Shahar Qazi was given a tearful farewell
हज़ारों की भीड़ उमड़ी, हिन्दू-मुस्लिम सभी वर्गों ने शिरकत की
अंतिम दर्शन के लिए उमड़ा सैलाब, शहर के कई बाजार रहे बंद
देहरादून। Shahar Qazi was given a tearful farewell उत्तराखण्ड की रूहानी व इल्मी शख्सियत शहर क़ाज़ी व जमीअत उलमा-ए-हिन्द उत्तराखंड के प्रदेश उपाध्यक्ष मौलाना मोहम्मद अहमद क़ासमी को रविवार दोपहर नम आंखों के साथ सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। शनिवार देर शाम 75 वर्ष की उम्र में उनका इंतकाल हो गया था।
रविवार सुबह ठीक 9 बजे मौलाना क़ासमी को भंडारी बाग स्थित आवास से अंतिम दर्शन के लिए जामा मस्जिद, पलटन बाजार लाया गया। मस्जिद के भीतर और बाहर दूर-दूर तक जनसमूह की कतारें नजर आईं। बुजुर्ग, नौजवान हर वर्ग से लोग उनके अंतिम दीदार के लिए पहुंचे। मस्जिद के आसपास की गलियाँ मानो इंसानी सैलाब से भर गईं।
सुबह 11 बजे उनकी नमाज-ए-जनाज़ा दारूल उलूम देवबंद के उस्ताद, मुफ्ती रियासत क़ासमी साहब ने अदा कराई। जनाज़े में शिरकत करने वालों की तादाद इतनी ज्यादा थी कि पलटन बाजार से लेकर गांधी रोड, तहसील चौक तक सड़कें और गालियाँ भर गईं।
हिन्दू-मुस्लिम सभी वर्गों ने दी अंतिम विदाई
मौलाना क़ासमी के जनाज़े में सभी धर्मों और वर्गों के लोग शामिल हुए। हिन्दू समाज के कई गणमान्य लोग और संगठनों के प्रतिनिधि भी जनाज़े में मौजूद रहे, जो इस बात का प्रमाण है कि मौलाना क़ासमी ने अपने जीवन में इंसानियत, सद्भाव और भाईचारे का जो पैगाम दिया, उसने हर दिल को छुआ था।
उनकी अदम्य लोकप्रियता और इज्ज़त का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि पलटन बाजार, तहसील चौक, गांधी रोड सहित तमाम बाजार नमाज-ए-जनाज़ा तक पूरी तरह बंद रहे। दुकानें बंद थीं, पर दिलों के दरवाजे खुले थे, हर कोई अपने अंदाज में इस महान शख्स को आखिरी सलाम पेश कर रहा था।
अंतिम यात्रा में यह रहे मौजूद
नमाज के बाद जनाज़ा जुलूस को पलटन बाजार से चंदर नगर कब्रिस्तान ले जाया गया, जहां मौलाना क़ासमी को नम आंखों के बीच सुपुर्द-ए-खाक किया गया। हर तरफ ग़म का माहौल था, उनके जाने से देहरादून की इल्मी और रूहानी फिज़ा में एक ऐसा खालीपन पैदा हो गया है जिसे आसानी से भरा नहीं जा सकेगा।
शहर काजी की तदफीन में शहर मुफ्ती सलीम अहमद कासमी, जमीअत के प्रदेश महासचिव मौलाना शराफत अली कासमी, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, महानगर अध्यक्ष जसविंदर गोगी, जमीअत के प्रदेश उपाध्यक्ष मुफ्ती रईस अहमद कासमी, देहात काजी मौलाना रिसालुद्दीन हक्कानी, मौलाना अब्दुल मन्नान कासमी, मौलाना शाकिर कासमी, मौलाना ऐजाज अहमद कासमी, अब्दुल सत्तार, मुफ्ती अयाज अहमद, हाफिज मौहम्मद शाहनजर, खुर्शीद अहमद, मुफ्ती ताहिर कासमी, मुफ्ति वासिल कासमी, वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स, मदरसा बोर्ड अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी, मदरसा बोर्ड के पूर्व उपाध्यक्ष आर ए खान, गुलजार अहमद, हाजी सुलेमान अंसारी, मौलाना अब्बास कासमी, मौलाना अब्दुल कादिर, मुफ्ति हुजैफा कासमी, मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी, आकिब कुरैशी समेत बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की।
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