यूसीसी में मुस्लिमों के सुझावों को नहीं दी गई जगह : शहर काजी

Suggestions of Muslims were not given place in UCC

देहरादून। Suggestions of Muslims were not given place in UCC उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट बनाने वाली विशेषज्ञ समिति ने अपना फाइनल ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया है, जिस के बाद से ही इस का विरोध भी शुरू हो गया है। रविवार को जामा मस्जिद पलटन बाजार में शहर काजी व जमीअत के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद अहमद कासमी ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि यूसीसी केवल धर्म विशेष के विरुद्ध लाया जा रहा है, क्योंकि इसमें मुस्लिम समाज की और से दी गई आपत्तियों और सुझाओं को दरकिनार किया गया है।

उन्होने कहा कि हम यूसीसी का कड़ा विरोध करते हैं। इस अवसर पर इमाम संगठन के अध्यक्ष व जमीअत के जिला अध्यक्ष मुफ्ती रईस ने कहा कि प्रदेश सरकार की और से लाए जाने वाला कानून संविधान के विरुद्ध है। क्योंकि आर्टिकल 25 के तहत हर धर्म को मानने वाले व्यक्ति को अपने धर्म पर चलने की आजादी है।

कहा कि जो कानून समस्त धर्म के लिए है उसमें समस्त धर्म का प्रतिनिधित्व न होना ही इस कानून को सन्देह पूर्वक बनाता है। मुस्लिम सेवा संगठन के अध्यक्ष नईम कुरैशी ने कहा की यूसीसी लाना सीधा धर्म विशेष पर प्रहार है। यूसीसी लाने का मतलब मुस्लिम लॉ को खत्म करना है। इस अवसर पर मुस्लिम सेवा संगठन के उपाध्यक्ष आकिब कुरेशी, खुर्शीद अहमद, हाशिम उमर व मुहम्मद इरशाद आदि मौजूद रहे।

यूसीसीः ड्राफ्ट तैयार करने वालों पर शक क्यों ?
समान नागरिक संहिता के लिए गठित समिति ने ड्राफ्ट मुख्यमंत्री को सौंपा