सात दिवसीय योगा प्रशिक्षण शिविर का समापन

Seven day yoga training camp concludes

Seven day yoga training camp concludes

डॉ दीपिका जोशी हरमिंदर सिंह सुमन चिनवान, डॉ ०नवीन जोशी याेग रत्न अवार्ड  से सम्मानित
प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सभी बच्चों को प्रमाण पत्र देकर किया गया सम्मानित

देहरादून| Seven day yoga training camp concludes अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत एवं डीडी कॉलेज  के संयुक्त  तत्वाधान में  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ माधव शाखा राजकीय इंटर कॉलेज खुडबुडा  देहरादून में चल रहे सात दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर का समापन हो गया।

इस सात दिवसीय योग प्रशिक्षण शिविर में बच्चों ने विभिन्न असान सीखे और स्वास्थ्य लाभ के गुर जाने। इस अवसर पर कार्यक्रम में छात्रों ने सात दिन में ग्रहण किए गए योगा ज्ञान व अन्य क्षेत्रों में अर्जित ज्ञान को बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया। बच्चों का प्रदर्शन अत्यंत सराहनीय रहा।

सभी छात्रों को मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध आयुर्वेदा एक्सपर्ट एवं हेल्थ एंड लाइफ़स्टाइल गुरु, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजीव कुरेले  ने  प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ राजीव कुरेलेने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बच्चों के लिए योग की उपादेयता एवं योग से होने वाले लाभों के बारे में सारगर्भित व्याख्यान दिया तथा  योग जागरूकता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए योगाचार्य हरमिंदर सिंह ,डॉ दीपिका जोशी, डॉ नवीन चंद्र जोशी  डॉ अमित सुमन चिनवान,  सोनिया, श्वेता नंद, और मेघा डॉ. अमित तमदड्डी आदि को  योग रत्न सम्मान से सम्मानित किया।

प्राणायम पर बच्चों ने आश्चर्यजनक प्रदर्शन किया

सातवें दिन के योग प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ डीडी कॉलेज याेग डिपार्टमेंट प्रमुख श्रीमती दीपिका जोशी,  उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजीव कुरेले ,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ माधव शाखा रामनगर देहरादून शाखा कारवां वीरेंद्र गोयल और योगाचार्य स्वामी सुनील शास्त्री ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

Seven day yoga training camp concludes

इस अवसर पर योगाचार्य डॉ दीपिका जोशी के निर्देशन में बच्चों को योग के प्रारंभिक आसनों और प्राणायामों से अवगत कराया गया। सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, भस्त्रिका प्राणायाम, हास्य आसन, कपाल भाति, ताली वादन, अनुलोम-विलोम आदि प्राणायम पर बच्चों ने आश्चर्यजनक प्रदर्शन किया।

मुख्य अतिथि उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजीव कुरेले कहा कि आज के भागदौड़ भरे माहौल में स्वास्थ, खुशहाल जीवन व प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने को आमजन के लिए योग व प्रकृति से जुड़ना जरूरी हो गया है।

तनावमुक्त जीवन के लिए भी सभी को अपनी दिनचर्या में योग को अपनाना चाहिए और सम्यक आहार-विहार और सदाचारयुक्त जीवनशैली धारण करना चाहिए। इनके माध्यम से हम विभिन्न प्रकार की बुराइयों को दूर कर बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं। 

उन्होंने कहा कि बच्चों  का स्वस्थ और फिट रहना अनिवार्य है। ताकि वे समाज की मदद कर सकें और देश की प्रगति में भी और सख्ती से काम कर सकें। उन्होंने कहा कि योग एक प्राचीन कला के साथ-साथ एक विज्ञान है जिसका प्रवर्तन महर्षि पतंजलि ने योग दर्शन के माध्यम से अष्टांग योग के रूप में किया है जिसकी उत्पत्ति लगभग 5 हजार साल पहले भारत में हुई थी।

योग एक विज्ञान है

‘योग’ शब्द संस्कृत के ‘युज’ धातु से बना है जिसका अर्थ है जोड़ना। योग एक विज्ञान है जो शरीर, मन और आत्मा को जोड़ता है। योग और प्राणायाम के अभ्यास से हम अपनी भावनाओं, मानसिक और शारीरिक स्तरों के बीच के आंतरिक संबंध से अवगत हो जाते हैं।

योग का अंतिम लक्ष्य आपके शरीर में  शारीरिक, इंद्रियिक, मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक स्तर को एक साथ मिलाना है। यह अष्टांग योग-५यम, 5 नियम, आसन, प्राणायाम प्रत्याहार धारणा ध्यान समाधि के माध्यम से संपूर्ण स्वास्थ्य, प्रसंता एवं आनंद को देने वाला है इससे हमारी माइंड एंड बॉडी का बैलेंस स्थापित होता है शरीर के सभी अंग प्रत्यंग विधिवत रूप से सही प्रकार से कार्य करते हैं तथा शरीर के सभी दोष, धातु,  मल,  अंग, प्रत्यंग, हार्मोन न्यूरोट्रांसमीटर इत्यादि के मध्य में सामंजस्य (बैलेंस) स्थापित होता है योग का धैर्य निरंतरता के साथ इसके सतत योगाभ्यास से संपूर्ण आरोग्य एवं बल की प्राप्ति होती है।

योग का अभ्यास करने वालों को  विभिन्न आसन,प्राणायाम, मुद्रा के द्वारा अपनी स्वांस- प्रश्वास पर नियंत्रित करने की बेहतर मौका मिलता है। जिससे हमारी शारीरिक एवं मानसिक क्षमता में असीम वृद्धि होती है  हमारी प्रतिभा में असीम वृद्धि होती हैएवं बीमारियों से लड़ने की ताकत भी प्राप्त करते हैं।

प्रो.कुरेले ने बताया की हर व्यक्ति को  अपने व्यस्ततम शेड्यूल में से अपने लिए कम से कम 20 -45 मिनट मिनट का समय निकालकर योगासन व प्राणायाम जरूर करना चाहिए। उन्होंने बताया कि किस प्रकार योग द्वारा मानसिक, शारीरिक विकास व चित्त एकाग्र किया जाता है। साथ ही साथ उन्होंने अभिभावकों से भी योगाभ्यास करने तथा बालकों को घर पर एक आदर्श परिवेश प्रदान कराने का आह्वान किया।

इस अवसर पर  डीडी कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ दीपिका जोशी ने कहा कि हमें अपने दैनिक जीवन में मानसिक एवं शारीरिक रूप से स्वस्थ  रहने के  लिए योग को अपनाना चाहिए, उन्होंने कहा कि इस तरह का आयोजन से बच्चों में स्किल डेवलपमेंट की गुंजाइश अधिक होती है।

हृदय की स्थिति को ठीक करने में मदद कर सकता है

बच्चों को संबोधित करते हुए योगाचार्य स्वामी सुनील शास्त्री ने कहा कि योग को अपनाकर  मानसिक और  शारीरिक रूप से स्वस्थ रहते हैं,आसन, प्राणायाम और के नियमित अभ्यास ध्यान विभिन्न बीमारियों जैसे मधुमेह, रक्तचाप, पाचन विकार, तनाव, मानसिक विकार अवसाद डिप्रैशन एंजायटी,पुरानी थकान, अस्थमा, वैरिकोज़ नसों और हृदय की स्थिति को ठीक करने में मदद कर सकता है।

समापन समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षाविद एवं योगाचार्य राजीव सिरोही ने योग के महत्व के बारे में बताया और कहा कि आज भाग दौड़ भरी जीवन में हर कोई काफी परेशान है ऐसे में योग ही वह माध्यम है जिसके द्वारा हम मानसिक शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं। इसलिए योग  कर हम बेहतर  समाज को बना सकते हैं । आरोग्य प्रमुख डॉ अमित तमाडडी ने सभी को सहयोग करने के लिए एबीजेपी की तरफ से धन्यवाद ज्ञापित किया।

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के संगठन मंत्री हरिशंकर सिंह ने कहा कि इस योग शिविर का मुख्य उद्देश्य योग को जमीनी स्तर पर ले जाना और लोगों को इसे जीवन शैली का हिस्सा बनाने के लिए प्रोत्साहित करना था, इस योग शिविर में बच्चों से भिन्न-भिन्न प्रकार के रचनात्मक कार्य करवाये गए। अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की ओर से योग प्रशिक्षण शिविर में सहयोग के लिए सभी का धन्यवाद और हार्दिक आभार व्यक्त किया

इस अवसर पर आरोग्य भारती के प्रांत कार्यकारिणी सदस्य श्रीमती मीनाक्षी गोयल , योगाचार्य हरविंदर सिंह, सुमन चिनवान, सोनिया, मेघा, श्वेता नंद, रामनिवास गुप्ता, वीरेंद्र गोयल, राजकुमार शर्मा और छात्र आदि उपस्थित रहे।

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