मुंबई। बॉलीवुड के संजू बाबा एक बार फिर मुश्किल में फंस गए हैं इस बार उनकी मुश्किल कुछ पुरानी समस्याओं ही तरह हैं। मुंबई हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से संजय दत्त को 8 महीने पहले जेल से रिहा करने पर जवाब तलब है ।
भारतीय फिल्म उद्योग में संजू बाबा के नाम से मशहूर अभिनेता संजय दत्त का जीवन लगातार अस्थिरता का शिकार होता दिखाई दे रहा है। संजय दत्त को 1993 में मुंबई हमले के मामले में अवैध हथियार रखने के जुर्म में अदालत ने 5 साल कैद की सजा सुनाई थी, अपनी सजा के अधिकांश अवधि उन्होंने पैरोल पर बाहर बिताया जबकि उनकी सजा के अंतिम 8 महीने अच्छे व्यवहार के कारण समाप्त करके उन्हें रिहा कर दिया गया था।
जेल से समयपूर्व रिहाई की वजह से संजय दत्त के प्रशंसकों सहित भारतीय फिल्मकारों में भी खुशी की लहर दोड़ गई थी और जेल से बाहर आने के तुरंत बाद उनके सामने निर्माताओं की लाइने लग गए जो उन्हें अपनी फिल्मों में कास्ट करना चाहते थे, संजय ने भी जेल से बाहर आने के बाद अपने करियर पर ध्यान देना शुरू कर फिल्म ‘भूमि’ साइन कर ली जिसकी आधी से अधिक शूटिंग पूरी हो चुकी है।
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लेकिन अब अचानक मुंबई हाईकोर्ट ने संजय दत्त की समय से पहले रिहाई पर संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र सरकार से संजय दत्त के मामले का विवरण मांगते हुए कुछ सवाल पूछे हैं। हाईकोर्ट ने पूछा कि अभिनेता संजय दत्त को किस आधार पर समयपूर्व रिहाई दी गई, उन्होंने अपनी सजा का अधिक हिस्सा जमानत पर जेल से बाहर बिताया तो अधिकारियों को कब वक्त मिला कि वह उनके अच्छे व्यवहार का अनुमान कर पाएंगे, मुंबई हाई कोर्ट के जज जस्टिस सावंत और जस्टिस साधना का कहना था कि क्या डीआईजी से इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया था या फिर जेल अधीक्षक ने सीधा अभिनेता को रिहाई का परपोजल राज्यपाल को भेज दिया था, कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह के भीतर इन सभी सवालों के जवाब देने का निर्देश दिया है।
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गौरतलब है कि 1993 में मुंबई धमाकों के बाद संजय दत्त को अवैध रूप से एके -47 और अन्य हथियार रखने के जुर्म में 5 साल कैद की सजा सुनाई गई थी, अभिनेता ने इस सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी जिसे हटाते हुए कहा था कि संजय दत्त 18 महीने जेल में बिता चुके हैं और उन्हें अधिक 42 महीने की सजा पूरी करनी पड़ेगी, उन्हें 21 मई 2013 को पुणे की बरोदा जेल स्थानांतरित कर दिया गया, बाद में जेल में अच्छे व्यवहार के कारण 25 फरवरी 2016 को सजा पूरी होने से 8 महीने पहले उन्हें रिहाई का परवाना मिल गया।
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