Rajiv Pratap death case
मुख्यमंत्री को राज्य-केन्द्रीय एजेंसी से जांच कराने को लिखा खत
देहरादून। Rajiv Pratap death case उत्तरकाशी में पत्रकारिता कर रहे एक पत्रकार का रहस्यमय लापता होना और उसके बाद ग्यारह दिन बाद उसकी लाश झील से मिलना कई शंकाओं को जन्म दे गया था और मृतक की पत्नी से लेकर उसके भाई ने इस मौत की सीबीआई जांच कराने की मांग बुलंद की थी तो वहीं मीडिया में इस मौत को लेकर भी काफी तूफान मचा था।
जनपद की पुलिस कप्तान ने मौत की जांच के लिए एसआईटी बनाकर जांच कराई तो इस मौत को दुर्घटना करार दे दिया गया जिसके बाद यह मामला शंात होने लगा। वहीं जिला पत्रकार संघ उत्तरकाशी और इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट आईएफडब्लूजे नई दिल्ली ने मुख्यमंत्री को उप जिलाधिकारी के माध्यम से पत्र भेजकर सोशल मीडिया पर एक्टिव राजीव प्रताप की मौत की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
पत्रकारों की इस मांग पर उपजिलाधिकारी ने डीएम को इस बाबत पत्र भी भेजा है। जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष का कहना है कि जिस तरह से झील से पत्रकार की लाश मिली और उस पर चोटो के कोई निशान नहीं दिखे उससे पत्रकारों के मन में एक शंका है और वह अपनी इस शंका को दूर करने के लिए वह राज्य स्तरीय या केन्द्र की किसी एजेंसी से इस मामले की जांच कराना चाहते हैं।
पत्रकार संगठनों ने जिस तरह से एक बार फिर राजीव प्रताप की मौत को लेकर अपनी शंका जाहिर की है उससे साफ नजर आ रहा है कि उन्हें पुलिस की एसआईटी द्वारा की गई जांच पर संदेह है? उत्तरकाशी में पत्रकारिता करने वाले राजीव प्रताप जब कुछ समय पूर्व लापता हुये थे तो उसके बाद वहां के पत्रकारों ने डीएम और पुलिस कप्तान को पत्र देकर उन्हें खोजने की मांग उठाई थी।
पत्रकार के रहस्यमय लापता होने पर काफी भूचाल मचा था और देश के अन्दर भी राजीव प्रताप के लापता होने की खबरें खूब सुर्खियों में दिखाई दी थी। राजीव प्रताप की रहस्यमय ढंग से झील से लाश मिलने के बाद कई सवालों ने जन्म लिया था कि आखिरकार ऐसा क्या हुआ कि राजीव प्रताप को मौत मिली? राजीव प्रताप की रहस्यमय मौत को लेकर उसकी जांच सीबीआई से कराने को लेकर खूब आवाज उठी और यह आवाज मृतक की पत्नी और भाई ने भी उठाई थी जिससे मामला और संदिग्ध होता चला गया था और हर तरफ पत्रकार राजीव की मौत की जांच सीबीआई से कराने को लेकर आवाज बुलंद होती चली गई।
वहीं पुलिस कप्तान ने राजीव प्रताप की मौत की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन किया था और उस एसआईटी ने राजीव प्रताप की मौत का कारण दुर्घटना बताया था जिसके बाद इस मामले पर सब तरफ खामोशी हो गई थी वहीं उत्तरकाशी के जिला पत्रकार संघ और इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट आईएफडब्लूजे ने उपजिलाधिकारी बडकोट के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजा है।
पत्र में कहा गया है कि सोशल मीडिया, फेसबुक में दिल्ली लाईव पेज के एक्टिव साथी राजीव प्रताप की मौत से जिला पत्रकार संघ भी शोकाकुल है। जनपद में संघ से जुटे एक्टिव पत्रकार साथी, सोशल मीडिया के एक्टिव साथी पत्रकार की मौत की उच्च स्तरीय जांच कराये जाने की मांग करते हैं। पुलिस की जांच में राजीव प्रताप की मौत को एक एक्सीडेंट दिखाया गया है परंतु जिला पत्रकार संघ उक्त प्रकरण की राज्य स्तरीय या केन्द्रीय जांच एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराये जाने की मांग करता है।
मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि सोशल मीडिया के एक्टिव साथी राजीव प्रताप की मौत की उच्च स्तरीय जांच राज्य या केन्द्र से करवाई ताकि जनपद के पत्रकार साथियों के साथ परिजनों का विश्वास सरकार एवं उच्च स्तरीय जांच एजेंसी पर बना रहे।
पत्रकार राजीव प्रताप की मौत को लेकर सोशल मीडिया पर भी कुछ लोग अपनी शंका जाहिर कर रहे हैं और अब पत्रकार संघों ने मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच राज्य या केन्द्र की एजेंसी से कराने की जो मांग उठाई है उससे अब पत्रकार की मौत को लेकर उठ रही शंकाओं को देखते हुए क्या मुख्यमंत्री मामले की जांच किसी भी एजेंसी से कराने के लिए हरी झंडी दंेगे इस पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं?
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