वारदातों के खुलासे में नाकाम हुई पुलिस

Police failed to reveal facts
Police failed to reveal facts

देहरादून। Police failed to reveal facts  वसंत विहार में शराब ठेके के मैनेजर से पांच लाख की लूट और पिछले दिनों नेहरू कॉलोनी में सर्राफा कारोबारी से हुई दस लाख रुपये के आभूषणों की लूट के आरोपितों को पकड़ने में दून पुलिस नाकाम हो चुकी है। हालात यह है कि हाल के दिनों में घटित अपराधों के खुलासे तक में मित्र पुलिस को कोई सुराग हाथ नहीं लगे हैं।

इतना ही इन दिनों शहर में चोरों का आंतक है। आए दिन बंद घरों के ताले टूट रहे हैं, इन वारदातों को अंजाम देने वाले गैंग की पहचान तक पुलिस अब तक नहीं कर पाई है। क्या दो पहिया वाहन से चलने वाला हर संदिग्ध है या पुलिस को संदिग्ध व्यत्तिफयों की पहचान ही नहीं है।

गौरतलब है कि पिछले दिनो शहर में चोरी, लूट की कईं वारदातें हुई जिसमें पुलिस ने काफी दिनों तक भागदौड़ भी की और फिर शांत होकर बैठ गई। शहर में बढ़ती चोरी की वारदातों के विरूद्ध प्रेमनगर के लोगों ने तो बकायदा थाने में प्रदर्शन तक किया था।

सीपीयू का गठन सिर्फ चालान काटने के लिए ही नहीं हुआ

सवाल यह उठ रहा है कि पुलिस के सामने ऐसी कौन सी समस्या है कि वो बदमाशों को पकड़ पाने में नाकाम साबित हो रही है। वहीं पुलिस चोर-बदमाशों को पकड़ने के बजाय सड़कों पर वाहन चालकों को पकड़कर उनके चालान काटते नजर आती है।

वहीं बदमाशों को पकड़ने के लिए विदेशों की तर्ज पर गठित की गई सीपीयू की कार्यशैली भी गंभीर सवालों में बनी हुई है। सीपीयू ने कितने अपराधी पकड़े । यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सीपीयू का गठन सिर्फ चालान काटने के लिए ही नहीं हुआ था बल्कि बदमाशों को पकड़ने के लिए भी हुआ था, लेकिन अपने गठन से लेकर आज तक सीपीयू ने कितने बदमाश पकड़े यह भी बड़ा सवाल है।

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