अधिकारियों की मनमानी पर अंकुश लगाना जरूरी : रेखा आर्य

Officers try to improve their behavior

Officers try to improve their behavior

देहरादून। Officers try to improve their behavior शासन में दो महिला अधिकारियों के दायित्वों में फेरबदल पर चर्चाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। वहीं महिला सशक्तिकरण मंत्री ने इस तरह की कार्रवाई को अधिकारियों की मनमानी को रोकने के लिए जरूरी भी बताया है।

शासन में अधिकारियों के दयित्वों में फेरबदल किया जाना सामान्य प्रक्रिया है लेकिन आइएएस वंदना से रुद्रप्रयाग की डीएम का दायत्वि वापस लेकर मुख्य सचिव कार्यालय से अटैच करना और आइएएस मनीषा पंवार से औघोगिक विकास, लघु एवं मध्यम उघोग विभाग, राजकीय मुद्रणालय रुड़की एवं मुख्य कार्यकारी निदेशक खादी ग्रामोघोग विभाग हटाने बाद कोई नहीं जिम्मेदारी नहीं देना एक तरह से लोगों की समझ से बाहर है।

इन दोनों अधिकारियों के दायित्वों को इस तरह वापस लेने के पीछे मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री की नाराजगी को वजह माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक रुद्रप्रयाग डीएम पद से वंदना की विदाई को मुख्यमंत्री की नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है।

गुरवार को मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से जल जीवन मिशन की बैठक ली थी जिसमें रुद्रप्रयाग की डीएम वंदना तय समय पर शामिल नहीं हो पाई। बताया जा रहा है कि इससे पहले भी कई बैठकों में वे शामिल नहीं हुई। जिस कारण सीएम नाराज हो गये।

मुख्य सचिव को जांच रिपोर्ट सौंप दी

वहीं आइएएस मनीषा पंवार से दायित्व वापस लेकर कोई नई जिम्मेदारी नहीं देने के पीछे कैबिनेट मंत्री की नाराजगी को जोड़ा जा रहा है। विदित हो कि कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य और आइएएस षणमुगम के प्रकरण की जांच मनीषा पंवार के पास थी।

उन्होंने मुख्य सचिव को यह जांच रिपोर्ट सौंप दी है। इस जांच रिपोर्ट के बारे में कोई खुलासा तो नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि इसमें आइएएस षणमुगम के पक्ष में रिपोर्ट है। जिसके चलते मंत्री नाराज हो गईं।

वहीं कुछ दिनों पहले मनीषा पंवार ने महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी लेने से भी इंकार कर दिया था। इसे भी मंत्री की नाराजगी से जोड़ कर देखा जा रहा है। इन वजहों से भी मनीषा पंवार से दायित्व वापस लिए गये हैं।

इस संबंध में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि अधिकारियों की मनमानी पर अंकुश लगाना जरूरी है। मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया फैसला सराहनीय है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपने आचरण में सुधार लाने का प्रयास करना चाहिए।

वहीं आइएएस मनीषा पंवार द्वारा कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य और आइएएस षणमुगम के बीच विवाद की जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपे जाने और मंत्री की नाराजगी के सवाल पर पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि अधिकारी को दोषमुक्त करना कैबिनेट मंत्री को समझ नहीं आ रहा है। उनकी नाराजगी का कारण भी यही है। उन्होंने कहा कि इतने वर्षों का अनुभव है तो वे समझ सकते हैं कि रिपोर्ट में क्या होगा।

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