सरकार में बनाना चाहता है अपना दबदबा
Muslim Rashtriya Manch uttarakhand
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ( Muslim Rashtriya Manch uttarakhand ) की बागडोर खनन माफियाओं के हाथ में, कार्यकर्ता नराज, जी हां आपने सही पढ़ा। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की उत्तराखण्ड कार्यकारिणी एक ऐसे शख्स के हाथ में दे दी है जिसे खनन माफिया से भी जाना जाता है।
सुत्रो की माने तो यह शख्स उत्तराखण्ड के बाहर से आया है और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के जरिये राज्य सरकार में अपनी पैठ बनाना चाहता है, जिससे इसके सारे कार्य बिना रोक ठोक असानी से हो सके। बताया जा रहा है कि इसके वजह से उत्तराखण्ड मुस्लिम राष्ट्रीय मंच में बगावत की स्थिति पैदा हो गई है।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ताओं का कहना है कि मंच का उद्देश्य हर वह मुस्लिम जो समाजिक तौर पर कमजोर और बेसहारा है उसे मजबूत बनाना है और मुसलमानों को ज्यादा से ज्यादा मंच के साथ जोड़ने का कार्य करना है।

लेकिन लगता है कि उत्तराखण्ड में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अपने उद्देश्य से भठक गया है और यहां की बागडोर अब ऐसे हाथ में दे दी है जिसे पैसे कमाने के अलावा गरीब मुसलमानों से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है।
ईद मिलन कार्यक्रम का किया बहिष्कार
सुत्रों के अनुसार मंच के कार्यकर्ता इस शख्स से इतने नाराज हैं कि उन्होंने 8 जून को मंच के तरफ से हुये ईद मिलन कार्यक्रम का बहिष्कार करते हुये इसमें शामिल तक नहीं हुये।
यहां तक की देहरादून के शहर काजी मौ0 अहमद कासमी साहब जिनकी अध्यक्षता में यह ईद मिलन का कार्यक्रम होना था वह भी कहीं नजर नहीं आये। उनके न आने का कारण कुछ और भी हो सकता है, लेकिन यह एक बड़ विषय है।

इस ईद मिलन प्रोग्राम में जितने भी अतिथियों का आने का कार्यक्रम तय था, उनमे से ज्यादातर अतिथि कहीं भी नजर नहीं है। इन अतिथियों में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद अजय भट्ट, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक हरबंस कपूर, खजानदास, विनोद चमोली, रविदासाचार्य सुरेश राठौर आदि कहीं नजर नहीं आये।