अवैध निर्माण के एक मामले में एमडीडीए बचाव की मुद्रा में

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अवैध निर्माण के एक मामले में MDDA बचाव की मुद्रा में

देहरादून। अपनी भ्रष्टचारी कार्यशैली के लिए मशहूर मसूरी देहरा विकास प्राधिकरण के नित नए कारनामे सामने आ रहे है। एक नया मामला एमडीडीए का प्रकाश में आया है। अवैध निर्माण के एक मामले में MDDA बचाव की मुद्रा में खड़ा हो गया। आवासीय नक्शे पर खड़े हो रहे कमर्शियल निर्माण की सूचना को थर्ड पार्टी की सूचना बताकर देने से इंकार कर दिया।

हालांकि, इस प्रकरण को जनहित से जुड़ा बताते हुए मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने सूचना देने को कहा है। साथ ही प्रकरण का संज्ञान लेने लिए आदेश की प्रति एमडीडीए उपाध्यक्ष को भी भेजी गई है। अधिवक्ता सुरेंद्र सिंह तड़ियाल ने एमडीडीए से नेशविला रोड पर किए जा रहे एक तिमंजिला निर्माण को लेकर नक्शे आदि की सूचना मांगी थी। उनका आरोप है कि आवासीय नक्शे पर कमर्शियल निर्माण किया जा रहा है और एमडीडीए इसकी कंपाउंडिंग में लगा है।

सूचना को प्रतिबंधित कर दिया

एमडीडीए के लोक सूचनाधिकारी ने यह कहकर सूचना देने से इंकार कर दिया कि यह व्यक्तिगत सूचना है। विभागीय अपीलीय अधिकारी-अधीक्षण अभियंता ने भी इसी आधार पर सूचना को प्रतिबंधित कर दिया। थक-हारकर सुरेंद्र सिंह सूचना आयोग पहुंचे। प्रकरण की सुनवाई करते हुए मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने कहा कि अपीलार्थी ने अनुरोध पत्र में जनहित का जिक्र नहीं किया है, लेकिन यह मामला उन सभी लोगों से जुड़ा है, जो इस क्षेत्र में रहते हैं।




इस निर्माण से संबंधित क्षेत्र की अन्य सुविधाओं पर दबाव बढ़ेगा और इससे जनता को अनावश्यक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में यह मामला सीधे तौर पर लोकहित से जुड़ा है, लिहाजा यह सूचना दी जानी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित निर्माण को लेकर जो भी वाद प्राधिकरण में चल रहा है, उसमें अपीलार्थी को भी पक्षकार बना लिया जाए। ताकि प्राधिकरण के समक्ष वस्तु स्थिति और स्पष्ट हो सके। मामले के त्वरित निराकरण के उद्देश्य से आदेश की प्रति उपाध्यक्ष को भी भेजी गई।

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