एक ऐसा इंसान जो 12 साल रहा भेड़ियों के साथ Marcos Rodríguez Pantoja live with wolf
रूडयार्ड किपलिंग की लिखी मोगली की कहानी अगर हकीकत हो तो कितनी चौंका देने वाली बात है। आज हम आपको ऐसी कहानी के बारे में बताने जा रहा है। 7 साल की उम्र में एक बच्चा अपने परिवार से बिछड़ कर भेड़िए के झुंड को मिल जाता है, मगर भेड़िया ( Wolf ) अपने को खूंखार प्रवृत्ति के विपरीत जाकर उसे पालते हैं और 12 साल तक उसका ख्याल रखते है, ठीक इंडियन कार्टून कैरेक्टर मोगली जैसे।
फिर इंसानी दुनिया से होती है उस जवान की पहचान और वह निकल जाता है एक आम जिंदगी जीने के लिए। मगर सालों तक इंसानी जीवन की दुश्वारियां सहने के बाद वह दोबारा से भेडियो संग जीना चाहता है, उनके संग खेलना चाहता है और इंसानों से कहीं बेहतर वह इन भेडियो को मानता है। पढ़ने में भले ही एक कहानी लगे मगर, यह सारा घटनाक्रम स्पेन के 72 वर्षीय मार्कोस के जीवन का सार है यह वह रियल लाइफ मोगली है, जो अब साधारण इंसानी जीवन छोड़कर दोबारा जंगल की जिंदगी को जीना चाहता है।
आखिर क्या है मसला?
1970 के दशक में स्पेन की लोकल आर्थरिटीज को एक 19 साल का लड़का मिलता है, जो लगभग न्यूड रहता है और सीधा खड़ा होकर चलने की बजाये चार टांगों पर चलता है, वह इंसान ही बोली नहीं बोल पाता और भेडियो की तरह गुर्राने समेत तमाम तरह की चीजें करता है। उसे भेड़ियों ने 12 साल तक फल, छोटे बेर, बूटी और जड़े समेत अन्य चीजें खिलाकर पाला था।
जब लोगों को इस टीनएजर का पता चला तो उसे एक अनाथालय में भेज दिया गया। जहां उसने इंसानी सभ्यता के सारे गुर सीखे। फिर तमाम नौकरियां करने के बाद अब वह पेंशनर लाइफ जी रहा है। मगर इंसानी जीवन के अकेलेपन और सांसारिक क्लेश से उकता गया है और वापस भेड़ियों के पास जाना चाहता है।