जीवन में कितना ही संकट क्यों न हो कभी न घबराएँ

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जीवन में कितना ही संकट क्यों न हो कभी न घबराएँ Life definition

Life definition जीवन समस्याओं और उलझनों से भरा है। समय एक जैसा नहीं रहता सुख और दुख भी आने वाले हैं। इस सत्य को पूरी तरह स्वीकार करने वाला व्यक्ति किसी भी अप्रिय स्थिति को अनहोनी समझकर नहीं देखता, ऐसे लोग तलाशने पर शायद बहुत कम मिले, बहुत संख्या ऐसे लोगों की है जो विपत्ति आने पर अवाक रह जाते हैं और विचलित हो जाते हैं।

यह ब्रहम पाल लेना कि जीवन में सदा सुख निर्माता है। ऐसी सोच विपत्ति के आने पर हमें कमजोर और भयभीत कर देती है। कमजोर और डरा हुआ मन, कोई आश्रय, कोई अवलंबन खोजने लगता है स्थिति से निपटने का, ऐसा इसलिए क्योंकि व्यक्ति का स्वयं पर विश्वास नहीं रहता जीवन के सत्य से जितनी दूरी होगी छोटे से छोटी समस्या उतनी ही बड़ी लगने लगेगी। दीन -हीनता उतनी ही बढ़ जाएगी, किसी भी समस्या या संकट को अनहोनी की तरह ना लेना, मन की पहली विजय होती है।

विचलित होने से आप विवेकपूर्ण फैसले नहीं ले सकते





विचलित होने से आप विवेकपूर्ण फैसले नहीं ले सकते। सच तो यह है की स्थितियां ही नहीं स्वयं अपने जीवन पर भी हमारा कोई वश नहीं है, सब कुछ ईश्वर के अधीन हैं। सृष्टि की रचना उसने की, जीवन भी उसी ने दिया है और जीवन के हर पल, हर क्षण तक उसने तय कर दिए हैं। पूरा संसार उसकी इच्छा और आज्ञा में है। “एक भ्रम है सच-सच के व्यक्ति संकट में विचलित नहीं होते।

हर समस्या और संकट का मूल कारण हम ही होते हैं और समस्याएं स्वयं के सुधार का अवसर प्रदान करती हैं। मानव जीवन में जाने अनजाने पाप कर्म होते ही रहते हैं। परमात्मा क्योंकि दयालु भी है इसलिए जब कोई उसकी शरण में जाता है और अपना सर्वस्व अर्पण करके कृपा की आकांक्षा करता है। तब वह उस पर अवश्य दया करता है।




ईश्वर करुणा का सागर है इसलिए कोई उसकी ओर एक कदम चले तो वह कोटी कदम आगे आगे होकर उसे अपने गले लगा लेता है। बातों से नहीं बल्कि अंतश्चेतना में ईश्वर की अनुभूति करके ही उनकी महानता का पता चलता है। जब ईश्वर की महानता समझ में आ जाती है, तब शब्द छुप जाते हैं। वाणी मौन हो जाती है, संकट के समय ईश्वर को अपना सहायक बना लेने से व्यक्ति की राह आसान हो जाती है और वह संस्था से समस्या बाधाओं का सामना करने में सक्षम हो जाते हैं।

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