डबल एमए करने के बाद भी भिक्षावृत्ति कर पेट पाल रही

Doing begging even after double MA

Doing begging even after double MA

देहरादून। Doing begging even after double MA कुमाऊं विश्वविद्यालय की अंग्रेजी व राजनीति विज्ञान से एमए करने वाली अल्मोड़ा की होनहार धर्मनगरी की सड़कों पर खानाबदोश का जीवन जीने को मजबूर हैं।

वह अपने छह साल के बेटे के साथ भिक्षावृत्ति कर पेट पाल रही हैं। हंसी उस समय सभी का ध्यान अपनी तरफ तब खींच लेती हैं, जब बेटे को पढ़ाते समय फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने लगती हैं।

हंसी प्रहरी लंबे समय से हरिद्वार में अलग-अलग स्थानों पर भिक्षावृत्ति करती देखी गईं हैं। जवाहर लाल नेहरू युवा केंद्र पर भी हंसी का आना जाना रहा है। केंद्र के सचिव सुखवीर सिंह से वह कई बार भिक्षा मांग चुकी है।

उन्होंने बताया कि वह केवल अपने बच्चे की पढ़ाई के लिए पैसे मांगती हैं। ज्यादा पैसे देने पर लौटा देती हैं। कहने पर मीडियाकर्मियों ने उनसे बातचीत शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने अपनी पूरी कहानी बयां कर दी।

खास बात यह है कि उन्होंने अपने सभी शैक्षिक प्रमाणपत्र साथ रखे हुए हैं। हंसी ने बताया कि वह अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र के हवालबाग विकासखंड के अंतर्गत गोविंदपुर के पास रणखिला गांव की रहने वाली हैं।
पांच भाई, बहनों में वह सबसे बड़ी हैं।

प्राथमिक से लेकर इंटर तक की उनकी पढ़ाई गांव में ही हुई। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने कुमाऊं विश्वविद्यालय के अल्मोड़ा कैंपस में प्रवेश लिया। हंसी ने बताया कि वह पढ़ाई के साथ विवि की अन्य शैक्षिक गतिविधियों में भी शामिल होती थीं।

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