Karan Mahara arrested for sitting on dharna
देहरादून। Karan Mahara arrested for sitting on dharna राज्य में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर इतनी अधिक अनियमितताओं और अनिश्चितताओ का सामना करना पड़ रहा है कि उनका कोई अंत होता नहीं दिख रहा है। लोग हाईकोर्ट की चैखट पर तमाम मामलों को लेकर खड़े हैं वहीं चुनाव आयोग समस्याओं का समाधान नहीं कर पा रहा है।
रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा जिन प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों को जांच में रद्द कर दिया गया उनमें से आधा दर्जन के आसपास प्रत्याशियों को हाई कोर्ट द्वारा योग्य ठहराया जा चुका है ऐसे में चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर अब गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा निर्वाचन आयोग की कार्य प्रणाली से क्षुब्ध होकर तथा राजभवन से समय न मिलने से नाराज होकर राज भवन पर गुरूवार को धरने पर बैठ गए जहां से पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वह निर्वाचन आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे जिन्हें पुलिस ने बाद में पुलिस लाइन ले जाकर छोड़ दिया गया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, सूर्यकांत धस्माना, जसविंदर सिंह गोगी, अभिनव थापर, अमरजीत सिंह राजभवन के सामने मौन उपवास करने पर साथियों के साथ गिरफ्तार pic.twitter.com/ogQmlFmWge
— Karan Mahara (@KaranMahara_INC) July 17, 2025
हाई कोर्ट पहुंचे कई प्रत्याशियों के नामांकन पत्रों को आर ओ द्वारा गलत तरीके से रद्द किया जाना पाया गया है। चुनाव आयोग अब तक ऐसे कुछ आर ओ के खिलाफ कार्यवाही भी कर चुका है चुनाव आयोग अपनी कार्यशैली और गलत निर्णयों के कारण सुर्खियों में बना रहा है। बात चाहे दो-दो सूचियों में मतदाता होने को लेकर हो या फिर नामांकन पत्रों की जांच को लेकर जिम्मेवारी तो वह चुनाव आयोग की है।
अभी तक हाई कोर्ट के आदेश पर चुनाव के योग्य ठहराए गए कई प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह वितरित नहीं किये जा रहे हैं जिनके नामांकन पत्रों को कोर्ट से सही ठहराया जा चुका है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का साफ कहना है कि इसके लिए आर ओ नहीं चुनाव आयोग जिम्मेवार है। उनका कहना है कि चुनाव आयोग के खिलाफ शिकायत लेकर वह चार दिनों से राजभवन से समय मांग रहे थे जो नहीं दिया गया। जिसके कारण उन्हें धरने पर विवश होना पड़ा।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार को तुरंत बर्खास्त किया जाना चाहिए उनका साफ कहना है कि ऐसी स्थिति में चुनाव निष्पक्ष हो पाना संभव ही नहीं है। धरने के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो कांग्रेसियों की पुलिस से नोंक झोंक हो गयी। जिन्हें पुलिस ने पुलिस लाइन ले जाकर बाद में छोड़ दिया गया।
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