भारत-पाक ने साझा की कैदियों, परमाणु संस्थानों की जानकारी

नई दिल्ली । भारत पाकिस्तान ने रविवार को एक दूसरे की देश की जेलों में बंद नागरिकों (सिविल कैदियों और मछुआरों) की सूचियां और एक दूसरे के यहां बने परमाणु संस्थानों से जुड़ी जानकारी साझा की।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार भारत प्राथमिकता के आधार पर पाकिस्तान के साथ एक दूसरे के देश में कैदियों और मछुआरों के मानवीय मामलों को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संदर्भ में भारत उन लोगों की पाकिस्तान से राष्ट्रीयता की पुष्टि का इंतजार कर रहा है जिन्हें अबतक रिहाई मिल जानी चाहिये थी। वहीं भारत उन भारतीय नागरिकों की दूतावास पहुंच का भी इंतजार कर रहा है जिसकी पाकिस्तान ने अभी अनुमति नहीं दी है जैसे हामिद नेहाल अंसारी और कुलभूषण जाधव।
कैदियों से जुड़ी जानकारी साझा करने संबंधी समझौते पर 21 मई, 2008 को हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत हर साल दो बार पहली जनवरी और पहली जुलाई को कैदियों की सूची साझा की जाती है। परमाणु प्रतिष्ठानों को हमले से बचाने संबंधी समझौते पर 31 दिसम्बर, 1988 को हस्ताक्षर किए थे और यह 27 जनवरी, 1991 से लागू हुआ था। इसके तहत दोनों देश पहली जनवरी को समझौते के तहत कवर अपने परमाणु प्रतिष्ठानों और उनसे जुड़ी सुविधाओं से एक दूसरे को अवगत कराते हैं। पहली जनवरी, 1992 के बाद से अबतक लगातार 26वीं बार यह सूची साझा की गई है।