राज्य में बेरोक टोक चल रहा अवैध खनन का खेल

Illegal mining game in the state
Illegal mining game in the state

देहरादून। Illegal mining game in the state बरसात के दिन जाते हुए दून की नदियों में खनन माफिया सक्रिय होने लगे है। देर रात व सुबह पांच बजे से दून की नदियों का खनन माफिया बेतरतीब तरीके से सीना चीर रहे है। इससे खनन माफियाओं पर वन विभाग व पुलिस द्वारा शिकंजा कसे जाने की बात हवाई साबित हो रही है।

’सुबह पांच बजते ही थाना थाना कैंट की चौकी सर्किट हाउस की 500 मीटर दूरी पर पड़ने वालै बीरपुर क्षेत्र की नदी में अवैध खनन का खेल चालू हो जाता है। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में सक्रिय खनन माफिया काफी दंबग है। जिसके खिलाफ पुलिस व वन विभाग कोई कार्यवाही करने से कतरा रहा है।

इधर डोईवाला सौंग नदी में पुल के नीचे दिनदहाड़े अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है। कुछ ऐसा ही हाल माजरीग्रांट, जीवनवाला, फतेहपुर सौंग व थाना कैन्ट जाखन नदी में भी है। लेकिन शासन-प्रशासन व पुलिस अधिकारी इस मामले में आंख मूंदे बैठे हुए हैं।

जबकि चंद दिन पहले मुख्य सचिव ने दी थी चेतावनी कि जिसके भी क्षेत्र में खनन की शिकायत मिलती है उस क्षेत्र का उच्च अधिकारी व थाना प्रभारी जवाबदेही होगा पर उनके आदेशों को भी पलीता लगाने का काम किया जा रहा है। ’खनन माफिया मजदूरों के माध्यम से नदियों में सुबह से लेकर शाम तक यह खनन सामग्री इकट्ठा कर लेते हैं।

धड़ल्ले से चल रहे अवैध खनन

उसके बाद रात के अंधेरे में यह माल ऊंचे दामों पर ट्रैक्टर-ट्रॉली के माध्यम से बेच दिया जाता है। बताते चले कि ’देहरादून व प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में धड़ल्ले से चल रहे अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए प्रमुख सचिव गृह एवं खनन ने 8 अक्टूबर कड़ा रुख अख्तियार किया था।

उन्होंने इस बाबत चार जिलों के डीएम को पत्र भी भेजा गया था। जिसमें साफ कहा गया था कि अवैध खनन पर संबंधित क्षेत्र का प्रभारी व्यक्तिगत रूप में जिम्मेदार माना जाएगा। इसमें किसी प्रकार की ढील बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

काबिलगौरे है कि मानसून समाप्त होने के बाद प्रदेश के हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर जिले में खनन व चुगान शुरू हो गया है। लेकिन, यहां पहले से ही लगातार अवैध खनन की शिकायतें मिलती रही हैं। ऐसे में शासन इस बार अवैध खनन पर सख्ती से निपटने की बजाए मुंह मूंदे में बैठा है।

जब दून के कुछ पत्रकार वीरपुर क्षेत्र मे हो रहे अवैध खनन की कवरेज को गए तो उन्हे भी खुलेआम धमकाया गया। बड़े दुर्भाग्य की बात तो यह है कि वही 700 मीटर दूरी पर सीएम आवास व राजभवन भी है उसके बावजूद भी खनन माफियाओं के हौसले बुलंद है।

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