‘हयात-ए-शरीफ’ का हुआ विमोचन

Hayat-e-Sharif released

Hayat-e-Sharif released

जामिया काशिफुल उलूम के संस्थपक मौलाना शरीफ अहमद की जिंदगी पर आधारित है पुस्तक
आज हमारे दिलों से मोहब्बत निकल गईः मौलाना नाजिम

देहरादून। Hayat-e-Sharif released मदरसा इजहारुल उलूम मोरोंवाला में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में जामिया काशिफुल उलूम छुटमलपुर के संस्थापक (बानी) मौलाना शरीफ अहमद की जिंदगी पर आधारित किताब ‘हयात-ए-शरीफ’ का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मुफ्ती अब्दुल खालिद मुदर्रिस काशिफुल उलूम छुटमलपुर ने की। कारी मौहम्मद अहसान की तिलावत व मौलाना अमानतुल्लाह की नात-ए-पाक से इजलास का इफत्ताह हुआ। निजामत के फराइज़ मौलाना इश्तियाक कासमी ने सर अंजाम दिये।

‘हयात-ए-शरीफ’ के लेखक मौलाना नाजिम कासमी ने इस मौके पर कहा कि मौलाना शरीफ अहमद ने ही जामिया काशिफुल उलूम की बुनियाद रखी थी, उनके लगाये शजर से आज तमाम दुनिया फैज़याब हो रही हैं।

मौलाना नाजिम कासमी ने कहा कि आज हमारे दिलों से मोहब्बत निकल गई हैं, न खुदा से मोहब्बत बाकी हैं, न खानदान से मोहब्बत रही। उन्होने मौलाना शरीफ के बारे में बताते हुए कहा कि आपने तालीम हासिल करते समय ही सबसे पहले पांडौली में नासिरुल उलूम की शकल में एक मकतब शुरू किया। फिर शेख उल इस्लाम मौलाना हुसैन अहमद मदनी से राब्ता कायम किया।

उन्होने कहा कि मिल्लत की खिदमत के लिये जरूरी है कि खुलूस ओर मुहब्बत हो, नेक नीयत हो। मौलाना रिसालुद्दीन हक्कानी ने कहा कि देहरादून व आस पास के इलाकों में दीन-ए-इस्लाम व इल्म की रोशनी काशिफुल उलूम के जरिये ही फैली है। मुफ्ती अब्दुल खालिद ने दुआ कराई।

इस मौके पर जमीयत के प्रदेश महासचिव मौलाना मासूम कासमी, जिला अध्यक्ष मौलाना नसीबुद्दीन, मदरसा जामीउल उलूम के प्रबंधक मौलाना अब्बास कासमी, मौलाना अब्दुल कुददूस, मौलाना कासिम कासमी, मौहम्मद शाहनज़र, हाफिज लईक अहमद, हाफिज मोहसिन, जमीयत के खजांची प्रधान अब्दुल रज्जाक, मास्टर अब्दुल सत्तार, मौलाना गुलशेर अली, कारी नासिर, कारी अबुल फजल, हारून अहमद व मौहम्मद कासिम आदि मौजूद रहे।

जरा इसे भी पढ़े

समाज सुधार को मस्जिदों से चलेगा अभियान
मुसलमानों तुम्हें इंसानियत की भलाई के लिये भेजा गया है : मौलाना कलीम