डाइटिंग करना हो सकता है जानलेवा Dieting bad for health

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Dieting दिल की सेहत के लिए विनाशकारी

मोटापे में कमी लाने के लिए कम खाना या डाइटिंग का तरीका अपनाना दिल की सेहत के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। यह चेतावनी ब्रिटेन में होने वाले एक मेडिकल अध्ययन में सामने आया है।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के रिसर्च के अनुसार शारीरिक वजन में कमी लाने के लिए खाने में कैलोरी की मात्रा कम करना हृदय की समस्याओं का कारण बन सकता है जबकि हृदय से ग्रस्त मरीजों को डाइटिंग अपनाने से पहले किसी अच्छे चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। इस शोध में एमआरआई के माध्यम से दिन भर में 800 से भी कम कैलोरी शरीर का हिस्सा बनाने से हृदय के कार्यों और जठरांत्र, जिगर और हृदय की मांसपेशी वसा के वितरण पर सेट होने वाले प्रभाव की समीक्षा की गई।

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हृदय पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है Dieting bad for heart

गौरतलब है कि चिकित्सा विशेषज्ञों ने पुरुषों को दिन भर में 2500 जबकि महिलाओं को 2 हजार कैलोरी घटक शरीर बनाने का सुझाव दिया ताकि सेहतमंद शरीर को बनाए रखा जा सके, लेकिन कई लोग दिनभर भोजन में बहुत ज्यादा कमी कर देते हैं ताकि मोटापे से छुटकारा मिल सके। रिसर्च में बताया गया कि क्रेस डाइट या बहुत कम भोजन पिछले कुछ वर्षों के दौरान फैशन बन गया है, जिसके बीच 6 से 8 सौ कैलोरी ही शरीर का हिस्सा बनाया जाता है, जिसे शारीरिक वजन घटाने के लिए प्रभावी माना जाता है जबकि बल्डप्रेशर और मधुमेह पर ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, लेकिन परिणामस्वरूप, हृदय पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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इस अध्ययन के दौरान, मोटापे के शिकार 21 स्वयंसेवक का जायजा लिया गया, जिन्होंने आठ सप्ताह तक छह से आठ सौ कैलोरी रोजाना उपयोग किये। स्वयंसेवक के अध्ययन को शुरू करने से पहले एक दिन बाद और 8 हफ्ते बाद एम आर आई किया गया। परिणाम से पता चला कि क्रेस डाईट विधि अपनाने के एक सप्ताह बाद शारीरिक वसा में समग्र छह प्रतिशत जबकि लीवर की वसा में 42 प्रतिशत कमी हुई, इंसुलिन प्रतिरोध में काफी सुधार हुआ, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड ग्लूकोज और रक्तचाप में सुधार हुआ। लेकिन एक सप्ताह बाद, हृदय की वसा में 44 प्रतिशत बढ़ गया और हृदय कार्य में काफी गिरवट देखने को मिली जिससे रक्त पंप करने की क्षमता बूरी तरह से प्रभावित हुई।

मोटापे से निजात के लिए Dieting हृदय के लिए हानिकारक

शोधकर्ताओं का कहना है कि लिवर की वसा और मधुमेह के रिवर्स होने से उम्मीद थी कि हृदय का कार्य बेहतर होगा, लेकिन एक सप्ताह मे ही उनमें खराब प्रभाव देखने को मिले। उन्होंने कहा कि बहुत कम भोजन खाने से शरीर के अन्य हिस्सो से चर्बी रक्त से नष्ट होती है और हृदय की मांसपेशियों को बोझ उठाना पड़ता है। उन्होंने आगे बताया कि हृदय की मांसपेशियों में ऊर्जा के लिए वसा या शुगर का इस्तेमाल होता है और वसा की अधिक मात्रा हृदय के कार्यों के लिए विनाशकारी साबित होता है।

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शोध में चेतावनी दी गई है कि मोटापे से निजात के लिए यह तरीका हृदय के लिए हानिकारक है, हृदय रोग के शिकार लोगों के लिए तो जानलेवा साबित हो सकता है और उनमें हार्ट फेलर का खतरा बढ़ता है। इस शोध के परिणाम यूरोपीयन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी के वार्षिक सत्र में प्रस्तुत किए गए थे।