कब तक बचाएगी राष्ट्रीय गौ रक्षा वाहिनी अकेले दम पर गौ माता की जान
Cow protection in Uttarakhand
देहरादून। Cow protection in Uttarakhand उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में गौवंश की आज भी बेकद्री हो रही है। शासन प्रशासन गौवंश की सुरक्षा के लिए कितना सचेत है। इसका अंदाजा इससे आज भी लगाया जा सकता है।
मंगलवार सुबह सेवला कला रोड पर एक गाय कई दिन से भूखी प्यासी तड़प रही है। जिस की सूचना वहाँ के क्षेत्रवासियों के द्वारा राष्ट्रीय गौ रक्षा वाहिनी को दी गई जिस पर प्रदेश अध्यक्ष शादाब अली सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंचे।
गाय को देखने के बाद डाॅक्टरों को फोन पर अवगत कराने के बाद तत्काल वहाँ पड़ोस से रोटी और हरी सब्जी और पानी देकर उसको खड़ा किया गया। भूखक पेट होने के कारण कई दिन से तड़प रही थी जिसको वहाँ से फिर एक स्थान पर भिजवाया जहां पर चारा खाकर, भोजन कर सके।
बीते रोज एक गाय के बछड़े के बिमार होने की सूचना मिलने के बाद राष्ट्रीय गौ रक्षा वाहिनी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष शादाब अली एक बछडे को अपने एक निजी खर्चे से वाहन करा कर राहत बचाव मैं भिजवाया था।
इलाज के लिए अस्पताल भेजा था और अभी कुछ दिन पहले मेहूवाला व मोहब्बेवाला से गाय को उठाया था। वहीं एक गाय को राजपुर रोड पर टक्कर लगी थी उनको भी तत्काल उठवाकर उनके स्थान पर भिजवाया था ओर अपनी भागेदारी निभाई थी।
इनकी जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नही
अब ऐसे में सावल ये उठता है की इनकी जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नही हुआ। उसके पश्चात खुद शादाब अली ओर इससे पहले भी कई बार पुलिस की मदद उठवाया गया और उससे पहले भी चीता पुलिस की मदद से उसे इलाज के लिए पहुंचाया।
यहां गौरतलब है कि शहर में जहां तहां गौवंश आवारा घूम रहा है। काम न होने के कारण बछड़ों को लोग पैदा होने के बाद उसे आवारा छोड दे रहे है या फिर उन्हे बेच दिया जाता है। जिससे गौवंश की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगे हुए है।
इससे पहले भी कई ऐसे वाकया सामने आए जिसमें शासन प्रशासन की उदासीनता के चलते गौवंश की सुरक्षा सवालों के घेरे में आ गयी है। इस दौरान प्रदेश उपाध्यक्ष अब्दुल वहाब, जिला मंत्री इकराम, संगठन मंत्री आफताब शाह, विनोद नेगी , कलीम अंसारी, ,महताब आजाद, जुबेर आदि लोग शामिल है|
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