Covid care centres to be built in Majra madarsa
प्रदेश भर के मदरसों में बनाए जा सकते हैं कोविड सेंटर
मुस्लिम समाज के उलेमाओं ने दिया सरकार को प्रस्ताव
“खिदमते खल्क” कमेटी का किया गठन
देहरादून। Covid care centres to be built in Majra madarsa उत्तराखंड में कोरोना महामारी के प्रकोप को देखते हुए कई सामाजिक संगठन और धार्मिक लोग सरकार की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।
उत्तराखंड के मुस्लिम समुदाय और उलेमाओं ने राज्य के सभी मदरसों को कोविड केयर सेंटर में तब्दील करने का प्रस्ताव सरकार को दिया है। साथ ही देहरादून के माजरा स्थित मदरसें को कोविड केयर सेंटर ओर जामा मस्जिद पल्टन बाजार को कोरोना काॅल सेंटर के रूप में तैयार करने का एलान किया है।
शनिवार को जामा मस्जिद पल्टन बाजार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शादाब शम्स ने कहा कि शहर काजी मुहम्मद अहमद कासमी देहरादून की सदारत में तमाम उलेमा हजरात और मुस्लिम रहनुमाओं ने एक वर्चुअल मीटिंग कर फैसला लिया है कि सभी मदरसे-मस्जिदे और तब्लीगी जमाअत के लोग मदद करने के लिए आगे आएंगे। पेशकश की गई है कि सभी मदरसों की जगह सरकार को देने के लिए तैयार है।
इसके अलावा इस महामारी मे जन सेवा के लिये “खिदमते खल्क” कमेटी का भी गठन किया गया है। शम्स ने बताया कि प्रदेश के तय किये गए मदरसों की जगाहों को कोविड केयर सेंटर में तब्दील किया जाएगा। लोगों के लिए निजी एंबुलेंस की सुविधा शुरू की जाएगी। जिसके लिए कुछ गाड़ियों का इंतजाम कर लिया गया है।
जामा मस्जिद पल्टन बाजार में बनेगा काॅल सेंटर
जामा मस्जिद पलटन बाजार को कोविड-19 काॅल सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। जिसमें 24 घंटे सुविधा उपलब्ध होगी। एक टीम जो कि हर वक्त लोगों को सहायता प्रदान करेंगी। शहर काजी ने यह भी कहा जिन लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत है उनके लिए ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए जाएंगे जो कि निशुल्क होगा।
सभी मुसलमान इस रमजान सदका व खैरात का पैसा इकट्ठा करके खिदमत खल्क यानी जामा मस्जिद पलटन बाजार को सौंपेंगे। इसको लेकर मुस्लिम धर्मगुरु और शहर काजी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से मुलाकात कर प्रस्ताव देंगे। शम्स का कहना है कि कोरोना विकराल रूप ले रहा है, उसको देखते हुए हमने सभी मदरसों को कोविड केयर सेंटर में तब्दील करने का निर्णय लिया है।
शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि देशभर में कोरोना का कहर सभी तबकों पर कहर बनकर टूट रहा है। ऐसे में इस्लाम धर्म के मुताबिक इंसानियत को जिंदा रखने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग इबादत कर रहे हैं।
कोरोना पीड़ितों को सही समय पर उपचार मिल जाए, इसके लिए मदरसों को कोविड केयर सेंटर में तब्दील कर दिया जाए। इसके लिए वह राज्य सरकार से अपील करने जा रहे हैं।
हर कदम के साथ कदम मिलाकर आगे चलने को तैयार
वहीं, शादाब शम्स ने कहा कि कोरोना संकटकाल से निजात पाने के लिए हम सरकार के हर कदम के साथ कदम मिलाकर आगे चलने को तैयार हैं। मुस्लिम समुदाय न सिर्फ कोविड-19 के लिए इबादत वाली स्थानों को मुहैया कराने जा रहा है, बल्कि प्रदेश भर में अलग-अलग ऐसी टीमें बनाई जा रही हैं, जो एंबुलेंस सुविधा, दवाइयों के साथ-साथ आर्थिक रूप से कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए आगे आएंगी।
उत्तराखंड में कुल 421 रजिस्टर्ड मदरसे हैं, हालांकि मदरसों की संख्या इससे काफी अधिक है। इस मौके पर मौलाना शाकिर कासमी, मौलाना मन्नान कासमी, लताफत हुसैन, नईम कुरैशी, जावेद खान, पार्षद मुकीम अहमद, कारी अब्दुस समद, आफताब आलम, मास्टर मुस्तकीम, सद्दाम कुरैशी, साकिब कुरैशी आदि मौजूद रहे।
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