राजभवन पहुंचे कांग्रेसी, संवैधानिक मूल्यों की रक्षा की गुहार

Congressmen reached Raj Bhavan

देहरादून। Congressmen reached Raj Bhavan उत्तराखण्ड विधानसभा के सत्र को लेकर विपक्ष ने राज्यपाल का दरवाजा खटखटाया है, कार्यमंत्रणा समिति से इस्तीफा देने के बाद देर रात कांग्रेसी विधायक नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन दिया।

कांग्रेस ने संवैधानिक मूल्यों की लगातार उपेक्षा किये जाने, सत्रावसान किये बिना ही विशेष सत्र के नाम पर प्रश्नकाल, अविलम्बनीय लोक महत्व की सूचनाओं को स्थगित किये जाने के अवैधानिक कृत्यों के विरोध में राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट कर ज्ञापन के माध्यम से निवेदन किया कि संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिये सरकार को निर्देशित करने की कृपा करेंगें।

ज्ञापन में कहा गया है कि आप विदित ही हैं कि उत्तराखण्ड विधान सभा का वर्ष 2023 का द्वितीय सत्र जो 8 सितम्बर 2023 के उपवेशन की समाप्ति पर अनिश्चित काल के लिये स्थगित हो गया था, को सोमवार 5 फरवरी 2024 से आहूत किया गया था। विधान सभा सचिवालय की अधिसूचना से ही स्पष्ठ है कि इस सत्र को विशेष सत्र नहीं माना जा सकता क्योंकि सत्रावसान हुआ ही नहीं है।

इसके अतिरिक्त सचिव, विधान सभा के आदेश से विधान सभा सचिवालय के पत्र संख्या 213, 25 जनवरी 2024 के माध्यम से भी एक पत्र सभी सदस्यों को जारी किया गया है जिसमें अविलम्बनीय लोक महत्व की सूचनाओं यथा नियम 53, 58, 299 और नियम 300 की सूचना को प्रत्येक उपवेशन को प्रातः 8ः30 बजे से 9ः 30 बजे, 6 फरवरी 2024 तक विधान भवन में लिये जाने को कहा गया है।

उपरोक्त सारे तथ्यों के होते हुए भी कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में यूसीसी के लिये विशेष सत्र का हवाला देते हुए प्रश्नकाल एवं अविलम्बनीय लोक हित सूचनाओं को स्थगित करना कार्यसंचालन नियमावली का उल्लंघन है। इस तरह के अवैधानिक कार्य को कार्यमंत्रणा समिति में बहुमत के आधार पर पास किया जाना कदाचित उचित नहीं है। सरकार की और से संवैधानिक मूल्यों की लगातार उपेक्षा की जा रही है। सत्रावसान किये बिना ही विशेष सत्र के नाम पर प्रश्नकाल, अविलम्बनीय लोक महत्व की सूचनाओं को स्थगित किया जा रहा है।

प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, भुवन कापड़ी, राजेन्द्र सिंह भण्डारी, हरीश सिंह धामी,
तिलक राज बेहड़, ममता राकेश, फुरकान अहमद, मयूख महर, मदन बिष्ट, मनोज तिवारी, विकम सिंह नेगी, खुशाल सिंह अधिकारी,आदेश सिहं चौहान, गोपाल सिंह राणा, रवि बहादुर व विरेन्द जाती आदि शामिल रहे।

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