फर्जी दस्तावेज बनाकर खेला जा रहा जमीन कब्जाने का खेल

Bogus document of land
Bogus document of land

देहरादून। Bogus document of land जमीन के फर्जीवाड़ों पर अंकुश लगाने के लिए एसआईटी गठन के बावजूद भू-माफिया के हौंसले कम होने का नाम नहीं ले रहा है। भू-माफिया लगातार लोगों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं और पुलिस लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है। यही नहीं ये हैरानी की बात यह है कि भू-माफिया अब इतने शातिर हो गए हैं कि लोगों की जमीनों के अर्जी-फर्जी दस्तावेज बनवाकर पुलिस प्रशासन को गुमराह करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं।

सूत्रों का कहना है कि जमीन कब्जाने के इस पूरे फर्जीवाड़े में राजस्व विभाग के कर्मचारियों की भी मिलीभगत है लेकिन एक दबाव के चलते पुलिस इन कार्मिकों पर कार्रवाई करने से हमेशा पीछे हट जाती है। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि जमीनों के फर्जीवाड़े के इस खेल पर कौन अंकुश लगाएगा। उत्तराखंड का गठन हुए भले ही 18 साल बीत चुके हों, लेकिन यहां अपराधों की संख्या में कमी आने के बजाय और बढ़ गए हैं।

लूट, हत्या, डकैती और धोखाधड़ी जैसे तमाम मामले उत्तराखड में आम हो चुके हैं। वहीं अगर बात जमीन से संबंधित अपराधों की करें, तो उनमें भी तेजी से इजाफा हुआ है। साल 2014 में एसआईटी यानी विशेष जांच टीम का गठन हुआ था, तब से अब तक जमीन से संबंधित अपराधों की करीब 3240 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं।

वहीं वर्ष 2016 में 1238, 2017 में 947 और वर्ष 2018 में करीब 518 शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं जबकि साल 2019 में जमीन से संबंधित अपराधों की अब तक 24 शिकायतें एसआईटी के पास पहुंच चुकी हैं। पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो उत्तराखंड में एसआईटी गठन के बाद से अब तक भूमि अपराधों में लगातार इजाफा हुआ है।

भू-माफिया खाली पड़ी जमीनों पर अपना कब्जा जमा रहे

उत्तराखंड भले ही शांत वादियों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता हो, लेकिन भूमि कब्जे के मामलों पर कहीं न कहीं सफेदपोश और विभागीय संरक्षण भी रहा है। अक्सर ऐसा होता है भू-माफिया खाली पड़ी जमीनों पर अपना कब्जा जमा लेते हैं, जबकि वो किसी की खरीदी गई जमीन होती है।

ऐसे ही एक मामले में पीड़ित चेतन तोमर का कहना है कि वो अपनी शिकायत लेकर पिछले 4 साल से लगातार एसआईटी के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जमीन से जुड़े मामलों को लेकर पुलिस भी काफी गंभीर नजर आती है, बावजूद इसके इन भूमि से जुड़े अपराधों पर लगाम नहीं लग पा रही है।

पुलिस के आलाधिकारियों का कहना है कि जमीन से संबंधित अपराधों के जितने मामले दर्ज होते हैं, उन पर निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की जाती है। बहरहाल, भूमि अपराधों के मामलों से पुलिस महकमा भी काफी गंभीर है, लेकिन अपराधों पर लगाम न लगने से सरकार और पुलिस दोनों पर सवाल उठना लाजमी है।

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