हार जीत का फैसला कांग्रेसियों ने छोड़ा भगवान भरोसे

Congress perform in Tehri loksabha
Congress perform in Tehri lok sabha

देहरादून। Congress perform in Tehri loksabha  पार्टी की अंर्तकलह का खामिजाया टिहरी लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है। आपसी गुटबाजी के चलते टिहरी सीट पर कांग्रेस प्रचार में पूरी तरह से भाजपा से पिछड़ती नजर आ रही है। पार्टी प्रत्याशी प्रीतम सिंह खुद अपने चुनावी कमान को संभाले हुए है। बताया जा रहा है कि हरीश रावत गुट के समझे जाने वाले किशोर उपाध्याय पार्टी प्रत्याशी प्रीतम सिंह से दूरी बनाए हुए है।

टिहरी सीट पर कांग्रेस भाजपा से चुनाव प्रचार में काफी पिछड़ गयी है। टिहरी सीट पर जीत हार का फैसला कांग्रेसियों ने पूरी तरह से भगवान भरोसे छोड़ दिया है। बताया जा रहा है कि टिहरी लोकसभा क्षेत्र में सांसद रानी राज्य लक्ष्मी शाह का भारी विरोध खुद पार्टी के भीतर देखने को लगातार मिल रहा था।

कारण यह कि रानी पार्टी कार्यकर्ताओं को खास तवज्जों नही दे रही थी। न ही रानी की पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने में कोई दिलचस्पी नही। जिससे चलते टिहरी क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओ और पार्टी के पदाधिकारियों में रानी के खिलाफ आक्रोश पनप रहा था। इसकी शिकायत पार्टी आलाकमान तक भी की जा चुकी थी।

राजपरिवार की भाजपा के साथ वफादारी काम आई

जिसके बाद पार्टी आलाकमान टिहरी सीट पर एक बार के लिए पार्टी प्रत्याशी बदलने के लिए तैयार तक हो गयी थी। लेकिन आखिर में राजपरिवार की भाजपा के साथ वफादारी काम आई और टिहरी सीट पर रानी राज्य लक्ष्मी शाह को चुनाव मैदान में उतारकर एक और मौका दे दिया गया।

किन्तु पार्टी की अंर्तकलह के कारण इस मौके को कांग्रेस पार्टी भूना पाने में असफल साबित हुई। टिहरी क्षेत्र के कांग्रेस के कद्दावर नेता किशोर उपाध्याय पूरे चुनाव में खामोशी अखतियार किए हुए है। जिसका खामियाजा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस को भुगतना पड़ा। कांग्रेस टिहरी सीट पर चुनाव प्रचार में पूरी तरह से पिछड़ती नजर आयी।

खुद कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कुछ पार्टी के दिग्गजों के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस में मास लीडर की कमी खल रही थी। रही सही कसर पार्टी के भीतर जारी अंर्तकलह ने कर दी। पार्टी सूत्रों का यहां तक कहना है कि इस सीट पर चुनाव को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है। अब जीत हार का फैसला जनता ने करना है। जो जनता तय करेगी वही सर्वमान्य होंगा।

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