जानिए हवा से क्यों भरा होता है चिप्स का पैकेट

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जानिए हवा से क्यों भरा होता है Chips ka packet

आपने ने अकसर देखा होगा कि जब भी लोग बाजार से किसी भी कम्पनी का चिप्स का पैकेट लेते हैं और उसे खोलते हैं तो उस पैकेट में चिप्स से ज्यादा हवा भरा होता है। हालांकि, कंपनियों का इस पर कहना है कि उनके पास इसका उचित कारण है, जिसके कारण Chips के पैकेट को हवा से भरा जाता है।

वास्तव में चिप्स के पैकेट जिस हवा से भरे जाते हैं वह कोई आम हवा नहीं बल्कि नाइट्रोजन होता है। जी हां, इसकी वजह कंपनियों के मुताबिक चिप्स को नरम होने से बचाना है ,ताकि उपयोगकर्ता जब भी पैकेट खोले तो वह कुरकुरे मिले।

ऑक्सीजन ऐसी गैस है जो तेजी से प्रतिक्रिया करती है और अन्य माॅलीक्यूज के साथ मिलकर चिप्स में ऐसी रासायनिक परिवर्तन लाती है जिससे वह खराब या नरम हो जाती है। इसकी तुलना में, नाइट्रोजन एक स्थिर और गैर-प्रतिक्रियाशील गैस है और ऐसा माना जाता है कि पोषक तत्वों को स्टोर करने के लिए यह गैस सबसे अच्छी है।

शरीर पर अंतर्निहित प्रभाव होने की कोई संभावना नहीं

चिप्स बनाने वाली विभिन्न कंपनियों के मुताबिक, आम तौर पर इन चिप्स को खाने का समय 40 से 55 दिन होता है, लेकिन नाइट्रोजन की उपस्थिति चिप्स की लाईफ बढ़ाने में मदद करता है। और यह भी जान ले कि जिस हवा में हम सांस लेते हैं उसका 78 प्रतिशत हिस्सा नाइट्रोजन पर निर्भर होता है तो इसके शरीर पर अंतर्निहित प्रभाव होने की कोई संभावना नहीं।

इसी प्रकार, पैकेट में हवा भरना चिप्स को टूटने से बचाने में भी मदद देता है। चिप्स के टुकड़े होने की अधिक संभावना होती है लेकिन पैकेट में मौजूद हवा फैक्ट्री से दुकानो तक ले जाने के दौरान चिप्स के लिए बचाने का कार्य करती हैं।

यह वह प्रक्रिया है जिस पर दुनिया भर में चिप्स बनाने वाली कंपनियां अपनाती हैं।  हालांकि, विकासशील देशों में, कंपनियां आमतौर पर चिप्स की मात्रा और हवा की मौजूदगी को साफ शब्दों में बयां नहीं करती।

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