Char Dham Yatra postponed till September 5
- प्रदेश में कई जगह भूस्खलन या मलबा आने से मार्ग बाधित हो रहे
- मौसम सामान्य होने एवं मार्ग पूरी तरह सुरक्षित पाए जाने के उपरांत यात्राओं को पुनः प्रारम्भ किया जाएगा
देहरादून। Char Dham Yatra postponed till September 5 उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने एक बार फिर चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को प्रभावित कर दिया है। राज्य सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए 5 सितंबर तक दोनों धार्मिक यात्राओं को स्थगित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के सचिव एवं गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने जानकारी दी कि भारी बारिश के चलते प्रदेश के कई हिस्सों में भूस्खलन और मलबा आने से सड़कें बाधित हो रही हैं।
हालांकि सरकार और प्रशासन युद्धस्तर पर मार्ग खोलने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यात्रियों की सुविधा और जान-माल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय आवश्यक माना गया है। गढ़वाल आयुक्त ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रतिकूल मौसम को देखते हुए अभी यात्रा मार्गों पर न निकलें और प्रशासन द्वारा जारी एडवाइजरी का पालन करें।
उन्होंने कहा कि यात्रियों को संयम और धैर्य बनाए रखना चाहिए तथा यात्रा से संबंधित अद्यतन जानकारी के लिए प्रशासनिक नियंत्रण कक्ष से संपर्क बनाए रखना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार और स्थानीय प्रशासन सड़क मार्गों की निगरानी, सफाई और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। मौसम सामान्य होने और रास्ते पूरी तरह सुरक्षित पाए जाने के बाद ही यात्राओं को पुनः शुरू किया जाएगा।
इसी बीच मौसम विभाग ने प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश को लेकर रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अगले 24 से 48 घंटे प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि कुछ जिले रेड अलर्ट और कुछ ऑरेंज अलर्ट पर हैं, इसलिए पूरे प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य सभी विभागों को अलर्ट पर रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने नानक सागर बांध की स्थिति पर भी जानकारी दी और कहा कि यह फिलहाल खतरे के निशान से पांच फीट नीचे बह रहा है, लेकिन उस पर लगातार नजर रखी जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि जिन लोगों के घर आपदा से प्रभावित हुए हैं, उन्हें तुरंत सहायता दी जा रही है और सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है।
राज्यभर में राहत शिविर स्थापित किए गए हैं ताकि प्रभावित लोगों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि शिविरों में सभी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित की जाए और अवरुद्ध सड़कों को जल्द से जल्द खोलने के लिए प्रयास तेज किए जाएँ।
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य इस समय अत्यधिक वर्षा से उत्पन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है और आने वाले कुछ दिन और कठिन हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह अलर्ट मोड पर है और जनता की सुरक्षा और राहत कार्यों को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जा रही है।
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