UKSSSC पेपर लीक मामले में बड़ी मछलियों को बचाया जा रहा : कांग्रेस

Big fish are being saved in UKSSSC paper leak case
प्रेसवार्ता के दौरान कांग्रेस प्रदेश प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष।

Big fish are being saved in UKSSSC paper leak case

देहरादून। Big fish are being saved in UKSSSC paper leak case उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग  के पेपर लीक घोटाले मामले को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस राज्य सरकार पर हमलावर होती नजर आ रही है। दिल्ली में पूरे मामले को लेकर कांग्रेस नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार को घेरा।

उत्तराखंड कांग्रेस के प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार के माननीयों के चहेतों को जहां बिना किसी इंटरव्यू और परीक्षा के नौकरियां दी जा रही हैं। वहीं योग्य और शिक्षित युवा बिना नौकरियों के भटकने को मजबूर है।

उत्तराखंड में कई विभागों में भर्तियों में घोटाले सामने आना और उसके बाद बड़ी मछलियों को बचाया जा रहा है। इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा होनी चाहिए और मुख्य आरोपियों की संलिप्तता सामने आनी चाहिए।

राहुल गांधी और कांग्रेस का प्रयास है कि उत्तराखंड के युवाओं के साथ कोई नाइंसाफी ना हो। वहीं, उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि परीक्षा में बड़ा घोटाला हुआ है और इसमें बीजेपी सरकार की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस पूरे मामले की CBI जांच होनी चाहिए और हमें सीबीआई से कम की जांच मंजूर नहीं है।

नियमों को ताक पर रखकर नौकरियां दे रहे हैं

श्री यादव ने कहा कि गरीबों को सस्ता राशन तथा किसानों को उनका वाजिब हक दिलाना रेवडियां बांटने में नहीं आता है। श्री यादव ने कहा कि उत्तराखण्ड में जहां एक ओर सत्ताधारी दल अपने नाते-रिस्तेदारों, भाई-भतीजों को प्रदेश के नौजवानों को धोखा देकर तथा उनके हक मार कर बिना परीक्षा एवं साक्षात्कार के सभी नियमों को ताक पर रखकर नौकरियां दे रहे हैं वह रेवडियां बांटने में आता है।

देवेन्द्र यादव ने कहा कि जिस प्रकार उत्तराखण्ड राज्य में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, विधानसभा, न्याय विभाग, सहकारिता, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग में योग्यता पर अयोग्यता को हाबी कर नौकरियां दी गई हैं उससे स्पष्ट है कि उत्तराखण्ड में राजनीति, नौकरशाही ने मिलीभगत कर अपनो को रेवडियां बांटने का काम किया गया है।

उत्तराखण्ड कांग्रेस इन सभी भर्तियों की सीबीआई जांच की मांग करती है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि वर्तमान में उत्तराखण्ड में विभिन्न विभागों की भर्तियों में जो घोटाले हुए हैं उसका राहुल गांधी ने जो संज्ञान लिया है उसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं।

जिस प्रकार से उत्तराखण्ड में पूर्व मुख्यमंत्री तथा वर्तमान राज्यपाल, राज्यसभा सांसद, मुख्यमंत्री, मंत्री तथा आरएसएस के प्रांन्तीय प्रचारक आदि के रिस्तेदार व नजदीकियों को नौकरियों की रेवडियां बाटी गई है उससे स्पष्ट हो जाता है कि उत्तराखण्ड में बडे पैमाने पर भर्तियों में घोटाले हो रहे हैं।

रिस्तेदारों को नौकरियों की रेवडियां बांटी गई : Karan Mahara

श्री महरा ने भर्तियों में कई ऐसे लोगों के नामों का उल्लेख किया है जिससे साबित हो गया है कि सीधे-सीधे प्रभावशाली लोगों के रिस्तेदारों को नौकरियों की रेवडियां बांटी गई हैं।

करन माहरा ने कहा कि भय-भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का दावा करने वाली उत्तराखण्ड की डबल इंजन सरकार सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार रोकने में पूरी तरह से विफल साबित हुई हैै।

राज्य सरकार द्वारा नौजवानों को रोजगार मुहैया कराना तो दूर जिन सरकारी पदों पर अभी तक भर्तियां की भी गई हैं उनमें भारी भ्रष्टाचार एवं भाई भतीजावाद को अंजाम दिया गया है।

उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से वीपीडीओ एवं अन्य पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा में 15-15 लाख रूपये लेकर पेपर लीक कर नौकरियां बेचने का मामला राज्य के सरकारी विभागों की भर्तियों में भारी भ्रष्टाचार का जीता-जागता प्रमाण है।

उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापडी ने कहा कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने अपने आप में भ्रष्टाचार का अड्डा बनकर देवभूमि को कलंकित करने का काम किया है।

नियुक्ति के नाम पर पदों को बेचने का काम किया गया : Bhuwan Kapadi

उत्तराखण्ड राज्य में न्याय विभाग, सचिवालय, विधानसभा, पुलिस, शिक्षा, सहकारिता सहित तमाम विभागों में नियुक्ति के नाम पर पदों को बेचने का काम किया गया है।

इन भर्ती घोटालों से साफ हो गया है कि उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश दो राज्यों के भर्ती माफियाओं का सरकारी पदों को बेचने में आपसे गठजोड रहा है।

श्री कापडी ने कहा कि उत्तराखण्ड में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग एवं अन्य विभागों में भर्ती घोटालों की जांच सरकार द्वारा एस.टी.एफ. के माध्यम से कराकर छोटे भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार कर जांच में लीपा-पोती करने का काम किया जा रहा है उससे प्रदेश की जनता का इन जांच ऐजेंसियों से भरोसा उठ गया है। इसलिए उत्तराखण्ड की भर्तियों की सीबीआई जांच होनी आवश्यक है। हम यहां पर उत्तराखण्ड में विभिन्न विभागों में हुए भर्ती घोटालों की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।

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