भोपाल एनकाउंटरः साजिश के तहत घेर कर मारे गए 8 मुस्लिम युवक

सुप्रीम कोर्ट जायेंगे मौलाना अरशद मदनी

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बाहरी इलाके में पिछले महीने कथित फर्जी मुठभेड़ में मारे गए 8 मुस्लिम युवकों के मामले में जमीअत उलेमा महाराष्ट्र (अरशद मदनी) द्वारा जबलपुर हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने इस मामले में किसी भी तरह के हस्तक्षेप और निर्देश जारी करने से इंनकार कर दिया। जबलपुर उच्च न्यायालय के इस फैसले के खिलाफ जमीअत उलेमा हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अरशद मदनी ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की घोषणा की है।

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जमीअत उलेमा हिंद के द्वारा दर्ज की याचिका में याचिकाकर्ता अब्दुल मोहम्मद यूसुफ ने 8 लोगों को भागीदार बनाया था, जो मध्य प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव, महानिदेशक पुलिस, इंस्पेक्टर जनरल ऑफ परीजन सेंट्रल जेल, अधीक्षक पुलिस मुख्यालय, उप महानिरीक्षक परीजनट (भोपाल), जेल अधीक्षक सेंट्रल जेल, स्टेशन हाउस अफसर पुलिस, हेड क्वाटर स्टेशन हाउस पुलिस आॅफिसर गांधी नगर (भोपाल) शामिल थे। याचिका में मांग की गई थी कि जांच आयोग में मुठभेड़ में मारे गए मुस्लिम युवकों के वकीलों को भी शामिल किया जाए, लेकिन इस संबंध में कोई आदेश नहीं जारी किया गया। डीफेंस वकीलों ने बहस के दौरान अदालत को बताया कि एक नवंबर को एक सुनियोजित साजिश के तहत कथित सिमी के सदस्य बताकर 8 मुस्लिम युवकों की हत्या की गई और बाद में उसे मुठभेड़ का नाम दे दिया गया, हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि 8 मुस्लिम युवा उच्च सुरक्षा सेल से कैसे भागे थे, बल्कि पुलिस मनगढ़ंत कहानी से यह बात स्पष्ट होती है कि मुस्लिम युवाओं को एक संगठित साजिश के तहत हत्या की गई, जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। .सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एसके पांडे की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र जांच आयोग का गठन किया है, जिसने अपनी जांच शुरू कर दी है इसलिए याचिकाकर्ता का कोई मांग इस मौके पर जांच में रुकावट पैदा कर सकती है, लिहाजा याचिका को खारिज किया जाए। सुनवाई के बाद जस्टिस संजू यादव ने अपने 7 पन्नों निर्णय में कहा कि अब जबकि सरकार मध्य प्रदेश ने सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशों के अनुसार जांच आयोग बना दिया है, तो जांच आयोग की पूर्ण रिपोर्ट पेश होने तक इस संबंध में किसी भी तरह का निर्देश जारी करना ठीक नहीं होगा।
हाई कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जमीअत उलेमा हिंद के चेयमैन मोलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि वह हाई कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और वह वरिष्ठ वकीलों से सलाह-मशविरा के बाद इस संबंध में शीर्ष अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयार करेंगे। मौलाना मदनी ने कहा कि जिस तरह से भोपाल एनकाउंटर किया गया, इस कारण वह खुद संदेह के दायरे में आ गया और मृतकों के परिजनों को विश्वास है कि इन लोगों को एक योजना के तहत पहले जेल से भागने का कार्य गया और फिर पहले से तैयार साजिश के तहत घेर कर उनका एनकाउंटर कर दिया गया।