मादक द्रव्यों का सेवन जिन्दगी के लिए जहर

Alcohol
मादक द्रव्यों का सेवन जिन्दगी के लिए जहर Alcohol

मादक द्रव्यों (Alcohol) के प्रयोग से शारीरिक क्षमता घट जाती है। दुर्बलता पैदा होती है एवं अनेक रोग उत्पन्न होते हैं, जबकि परिवार एवं समाज का विघटन होता है, अपराध की प्रवृत्ति पैदा होती है, यौन स्वछंदता उत्पन्न होती है, अपराधियों के विरुद्ध पुलिस प्रशासन और व्यवस्था की समस्या खड़ी होती है। शराब  नाड़ी संस्थान को प्रभावित करती है और आगे चलकर नशे के आदी होने पर व्यक्ति मौत के मुंह में चले जाते हैं। व्यस्त व्यक्ति का शरीर निष्क्रिय एवं कमजोर हो जाता है। मादक द्रव्यों का सेवन गरीबी के लिए उत्तरदाई हैं यहां आपको कुछ उसके साइड इफेक्ट्स बताने जा रहे हैं।

शारीरिक प्रभाव

लंबे समय तक अधिक मात्रा में नशीली दवाएं पीने पर गैस बनने, जिगर संबंधी बीमारियों से संबंधित खराबी, गठिया, त्वचा रोग, बेहोश आदि बीमारियां पनपती हैं। उनके प्रयोग से मस्तिष्क के तंतु निर्जीव हो जाते हैं, अधिक संख्या में तंत्र नष्ट हो जाने से चक्कर आने लगते हैं, ऐसे व्यक्ति के रूप में कीटाणुओं से मुकाबला करने की शक्ति छीन हो जाती है, उसकी जीवन आशा कम हो जाती है दवाओं के प्रयोग से कैंसर पनपता है।

मानसिक बीमारी

नशीली दवाओं के सेवन से युक्त व्यक्ति में मानसिक दक्षता की कमी हो जाती है। मस्तिक कमजोर हो जाता है और स्नायु तंत्र नष्ट हो जाता है, इससे मनुष्य की भावनात्मक एवं बौद्धिक शक्ति गुजराती गंदी एवं उत्तेजक भाषा का प्रयोग करता है तथा अत्यधिक क्रोधित हो जाता है, उनके 2017 सनकीपन मोर्चा पागलपन मिलगी नाड़ी की सूजन अधिक पैदा हो जाते हैं।

दुर्व्यवहार

नशीली दवाओं का संबंध अपराध, वेश्यावृति, जुआखोरी, चोरी आदि गैर कानूनी विवादों से जोड़ा जाता है। इस कारण कानूनों को लागू करने की समस्या पैदा हो जाती है। यह बाल अपराध एवं अपराध हत्या वेश्यावृत्ति आदि के लिए उत्तरदाई है।

दुर्घटना

आये दिन यही खबरे सुनी और पढ़ी जाती है कि यहाँ- वहाँ सडक दुर्घटना हुई, ज्यादा मामलो में कारण होती है  शराब। इतना सक्त कानून होने पर भी लोग नही मानते है और अपनी जिन्दगी से हाथ धो बैठते है।

आर्थिक तंगी

एक शराबी चाहे मजदूर हो ,पूरे दिन की महंत से शाम को शराब ही पिता है, जो अपने परिवार को भी नही देखता। उसका परिवार कष्ट झेलता है, ऐसे में उसके घर में आर्थिक तंगी हो जाती है।

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