टिहरी बांध प्रभावित परिवारों को 74.4 लाख सहित भवन एवं अन्य परिसंपत्तियों का भी मिलेगा मुआवजा : महाराज

74.4 lakh compensation to Tehri Dam affected families
सतपाल महाराज।

74.4 lakh compensation to Tehri Dam affected families

निर्धारित मानकों के अनुसार ही बढ़ाया गया है टिहरी बांध का संग्रहण जलस्तर 

देहरादून। 74.4 lakh compensation to Tehri Dam affected families टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों को 74.4 लाख सहित भवन एवं अन्य परिसंपत्तियों का भी मुआवजा मिलेगा। सतपाल महाराज ने बताया कि केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह के साथ पूर्व में हुई ऐतिहासिक बैठक में तय किया गया था कि टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों के पुनर्वास संबंधी समस्याओं का समाधान न्यायालय की परिधि से बाहर किया जाएगा।

टीएचडीसी अधिकारियों, सचिव सिंचाई उत्तराखंड और जिलाधिकारी टिहरी के बीच हुई बैठकों के बाद तय हुआ कि टीएचडीसी उत्तराखंड सरकार को एक अंडरटेकिंग देगा। जिसमें वह संपार्श्विक क्षति नीति 2013 के तहत गठित तकनीकी समिति की संरचना के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा संशोधित आदेश जारी होने के बाद माननीय उच्च न्यायालय उत्तराखंड में दायर अपनी रिट याचिका को वापस ले लेगा।

उन्होंने बताया कि इस संबंध में अभी औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गई हैं और शीघ्र ही उत्तराखंड सरकार द्वारा संशोधित आदेश जारी होने के बाद उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका को वापस ले लिया जाएगा।

पर्यटन, सिंचाई, लोक निर्माण, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने बैठक के दौरान बताया कि टिहरी बांध परियोजना प्रभावित 415 परिवारों के पुनर्वास को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से जो मुआवजा राशि तय की गई है वह प्रभावित क्षेत्र के तत्समय बाजारी दरों, सोलेशशियम, एक्सग्रेशिया, ब्याज और विकास लागत को जोड़कर प्रति परिवार 74.4 लाख रूपये आंकी गई है।

वर्तमान प्रचलित मूल्य के आधार पर नकद धनराशि भी दी जाएगी

टीएचडीसी और उत्तराखंड सरकार दोनों की सहमति से तय हुआ है कि बांध प्रभावित 415 परिवारों में से ऐसे सभी परिवारों को पुनर्वास हेतु 74.4 लाख का मुआवजा प्रति परिवार दिया जाएगा जिनके लिए भूमि उपलब्ध नहीं है। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को लोक निर्माण विभाग के मूल्यांकन मानकों के अनुसार क्षतिग्रस्त भवनों के लिए वर्तमान प्रचलित मूल्य के आधार पर नकद धनराशि भी दी जाएगी।

श्री महाराज ने कहा कि यदि प्रभावित परिवार की भूमि की क्षति संपूर्ण भूमि के 50ः से अधिक है तथा भूमि आर. एल. 835 मीटर पर अथवा आर. एल. 835 मीटर से ऊपर स्थित है इस स्थिति में 2 एकड़ विकसित भूमि जनपद हरिद्वार एवं देहरादून आदि स्थानों पर आवंटित की जाएगी। इसके अलावा प्रभावित परिवार को 60,000 रुपए भवन निर्माण सहायता के रूप में दिये जायेंगे।

जबकि अन्य परिसंपत्तियों जैसे पशुशाला, वृक्ष, अनाज इत्यादि का भुगतान लोक निर्माण विभाग, बागवानी विभाग वन विभाग के मूल्यांकन मानकों के अनुसार किया जाएगा। सिंचाई मंत्री ने बताया कि यदि  प्रभावित परिवारों को भूमि स्वीकार्य नहीं है तो इस स्थिति में सरकार द्वारा स्वीकृत दरों के अनुसार नगद प्रति कर भुगतान किया जाएगा। 

श्री महाराज ने कहा कि पात्रता मानक के अनुसार केवल वही परिवार पात्र होंगे जिनकी भूमि उनके नाम 26 अप्रैल 2007 से पहले दर्ज हुई है। प्रभावित भूमि कुल भूमि का 50ः से अधिक हो। क्षतिग्रस्त भूमि आर.एल. 835 मीटर से नीचे की संपूर्ण भूमि को सम्मिलित करते हुए 50 प्रतिशत से कम है तो इस दशा में पुनर्वास की आवश्यकता नहीं होगी।

कृषि मजदूरी के बराबर 1 वर्ष तक भुगतान किया जाएगा

केवल नगद प्रतिकार का भुगतान वर्तमान में प्रचलित स्वीकृत दर के अनुसार ही किया जाएगा। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि प्रभावित परिवार के नये स्थान पर बसने हेतु 10,000 रू. प्रति परिवार पुनर्वास अनुदान का भुगतान भी किया जाएगा।

प्रभावित परिवारों को अन्यत्र स्थान पर स्थानांतरित करने स्थिति में प्रत्येक परिवार को ₹10,000 स्थानांतरण भत्ता भी दिया जाएगा। इतना ही नहीं यह भी तय किया गया है कि प्रभावित परिवारों के नए स्थान पर विस्थापित होने तक इनके जीविकोपार्जन पर प्रभाव पड़ेगा इसलिए प्रत्येक प्रभावित परिवार को उपार्जन हेतु न्यूनतम 25 दिन की कृषि मजदूरी के बराबर 1 वर्ष तक भुगतान किया जाएगा।

इस समझौते के तहत रौलाकोट गांव के पुनर्वास के बारे में भी तय हुआ है कि ग्राम रौलाकोट के विस्थापन हेतु पुनर्वास निदेशालय के पास लगभग 70 एकड़ भूमि रोशनाबाद, रायवाला, घमंडपुर, आदि गांव में उपलब्ध है जो कि पहले टिहरी बांध प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए अधिग्रहित की गई थी।

इसके अलावा लगभग 20 एकड़ भूमि विभिन्न स्थानों पर टीएचडीसी के स्वामित्व में है। क्योंकि उक्त भूमि को विकसित करने की आवश्यकता है इसलिए टीएचडीसी 10.5 करोड़ की राशि इसके लिए वहन करेगा। 

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