चमोली में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन में दबे 57 मजदूर, रेस्क्यू अभियान जारी

57 workers buried in avalanche
रेस्क्यू अभियान चलाते हुए।

देहरादून/चमोली। 57 workers buried in avalanche उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी के बीच शुक्रवार को भारत-चीन (तिब्बत) सीमा क्षेत्र में माणा कैंप के पास भारी हिमस्खलन हुआ है। इस दौरान वहां निर्माण कार्य में लगे 57 मजदूर बर्फ में दब गए। क्षेत्र में मौसम खराब होने के चलते संचार सेवा ठप पड़ी है।

चमोली जिले में बद्रीनाथ धाम के नजदीक स्थित माना गांव के पास एक ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हुआ है। इस दुर्घटना में सीमा सड़क संगठन के ठेकेदार के तहत काम कर रहे 57 मजदूर मलबे में दब गए। राज्य आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार अब तक 16 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, जबकि शेष 47 मजदूरों की तलाश जारी है। सभी एजेंसियाँ रेस्क्यू अभियान में जुटी है,दबे हुए मजदूरांे को सुरक्षित निकालने और मार्ग खोलने के प्रयास लगातार जारी हैं।

गृहमंत्री अमित शाह ने घटना पर दुख व्यक्घ्त किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के संदर्भ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डीजी आईटीबीपी और डीजी एनडीआरएफ से बात की। हादसे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना हमारी प्राथमिकता है। स्थानीय प्रशासन बचाव कार्यों में पूरी तत्परता से लगा हुआ है। एनडीआरएफ की दो टीमें भी जल्द ही घटना स्थल पर पहुंच रही हैं।

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